ज्ञान-विज्ञान की सारी बातों को किसके माध्यम से जाना जाता है ?
Answers
Answer:
Explanation:
विज्ञान का सीधा-सा अर्थ है-वस्तुओं की तमाम जानकारी हासिल करना। यदि ज्ञान को समझें तो ज्ञान का मतलब मानवीय मूल्यों के अनुरूप चिंतन करना और चरित्र के लिए आस्थावान बनना है। कहते हैं कि मनुष्य में जन्मजात पशु प्रवृत्तियां भरी होती हैं, लेकिन इन अवगुणों का नाश करके संस्कारी और आदर्शवादी बनाने की चिंतन प्रक्रिया को ज्ञान कहा गया है। अब अगर ज्ञान और विज्ञान की आपस में तुलना करें तो वह कुछ ऐसी होगी। हाइड्रोजन के दो कण जब ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं तो पानी बनता है-यह विज्ञान है, लेकिन इस पानी से जीव-जंतुओं की प्यास बुझती है-यह ज्ञान है।
दरअसल विज्ञान की दिशा ज्ञान है और ज्ञान के बाद वस्तुत: विज्ञान नहीं रह जाता। विज्ञान का चरमोत्कर्ष ज्ञान है। इसी ज्ञान को पाने के लिए वैज्ञानिक भी प्रयास कर रहे हैं। कहते हैं कि भौतिक उपलब्धियां विज्ञान का सच नहीं हैं, आत्म तत्व ही विज्ञान का सच है। विज्ञान ने अब तक प्रकृति के अनेक रहस्य खोज निकाले हैं, लेकिन वर्तमान में वह विनाश और पतन की सामग्री जुटाने में लीन है। खैर तमाम अनुसंधान अंत में कहीं न कहीं विज्ञान को विराम देंगे और उसका यह अंत निश्चित तौर पर ईश्वर पर जाकर ठहरेगा, क्योंकि ईश्वर को न मानना फिलहाल विज्ञान का भ्रम है। आकाश में तारे तभी तक टिमटिमाते हैं जब तक सूर्य का उदय नहीं होता। ठीक इसी तरह विज्ञान अनुसंधानों में तभी तक भटकता रहेगा जब तक उसे पूर्ण आत्मज्ञान नहीं हो जाता है। दार्शनिकों के मुताबिक आत्मज्ञान ही मूलविज्ञान है, जबकि आधुनिक विज्ञान इसका बिगड़ा हुआ स्वरूप है, क्योंकि जब तक किसी कार्य या ज्ञान के माध्यम से हम ईश्वर तक न पहुंचें तब तक ज्ञान अधूरा रहता है। उनके मुताबिक ईश्वर को भौतिक विज्ञान के तौर-तरीकों से जाना और सिद्ध किया ही नहीं जा सकता है। इसका कारण ईश्वर का प्राकृतिक पदार्थों से सर्वथा अलग होना है, जिसका प्रयोगशाला में अनुसंधान नहीं किया जा सकता। विज्ञान परमाणु को द्रव्य का सूक्ष्मतम कण मानकर अध्ययन करता है, जबकि अध्यात्म परमाणु को द्रव्य का अंतिम स्थूल कण मानता है। अर्थात विज्ञान अनंत की ओर चलता है और अध्यात्म अंत की ओर। जब विज्ञान की दिशा ठीक होगी तब वह ज्ञान की ही प्रतिछाया होगी।
Answer:
विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। या प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के क्रमबध्द अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने को ही विज्ञान कहते हैं। या किसी भी वस्तु के बारे में विस्तृत ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं ।।
किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी ग्रहण करना और जानकारी को सही तरीकों से लागू करना एवं किसी भी वस्तु का सही अवलोकन करना एवं उसका विश्लेषण करना ही विज्ञान है
प्राकृतिक विज्ञान प्रकृति और भौतिक दुनिया का व्यवस्थित ज्ञान होता है, या फ़िर इसका अध्ययन करने वाली इसकी कोई शाखा। असल में विज्ञान शब्द का उपयोग लगभग हमेशा प्राकृतिक विज्ञानों के लिये ही किया जाता है। इसकी तीन मुख्य शाखाएँ हैं : भौतिकी, रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान।
निगमनात्मक प्रणाली कुछ ऐसी विद्याओं का समूह है जो दर्शन और विज्ञान के विषयों पर तर्क और गणना के सिद्धान्त का अनुप्रयोग करते हैं। इसमें गणित और तर्क शामिल हैं।
विज्ञान विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान। मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं के लिए जो नए-नए आविष्कार किए हैं, वे सब विज्ञान की ही देन हैं। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के अनगिनत आविष्कारों के कारण मनुष्य का जीवन पहले से अधिक आरामदायक हो गया है। दुनिया विज्ञान से ही विकसित हुई हैं।
मोबाइल, इंटरनेट, ईमेल्स, मोबाइल पर 3जी और इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक, ट्विटर ने तो वाकई मनुष्य की जिंदगी को बदलकर ही रख दिया है। जितनी जल्दी वह सोच सकता है लगभग उतनी ही देर में जिस व्यक्ति को चाहे मैसेज भेज सकता है, उससे बातें कर सकता है। चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो।
यातायात के साधनों से आज यात्रा करना अधिक सुविधाजनक हो गया है। आज महीनों की यात्रा दिनों में तथा दिनों की यात्रा चंद घंटों में पूरी हो जाती है। इतने द्रुतगति की ट्रेनें, हवाई जहाज यातायात के रूप में काम में लाए जा रहे हैं। दिन-ब-दिन इनकी गति और उपलब्धता में और सुधार हो रहा है।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने हमारे लिए बहुत सुविधाएं जुटाई हैं। आज कई असाध्य बीमारियों का इलाज मामूली गोलियों से हो जाता है। कैंसर और एड्सस जैसे बीमारियों के लिए डॉक्टर्स और चिकित्साविशेषज्ञ लगातार प्रयासरत हैं। नई-नई कोशिकाओं के निर्मा