Hindi, asked by ayushmsingh51, 4 days ago

ज्ञान वृद्धि और आनंद की प्राद्धि का एक प्रमुख साधन अध्ययन है। वह आत्म-संस्कार के ववधान का एक अंग है। वकसी जावि के
सावहत्य मेंगवि प्राि करनेका कोई और द्वार नही ंहै। वकसी जावि के भाव और ववचार सावहत्य मेंही व्यक्त रहिेहैंिथा उसी में
उसकी उन्नवि के क्रम का लेख रहिा है। मनुष्य जावि के सुख और कल्याण के ववषय मेंसंसार मेंप्रविभा सम्पन्न लोगोंनेजो वसिांि
द्धथथर वकए हैंउन्हेंजाननेका साधन स्वाध्याय ही है। जो पढ़िा ही नही ं, उसेइस बाि की खबर ही नही ंरहिी वक मनुष्य की ज्ञान
परंपरा वकस सीमा िक पहंच चुकी है। वह और यह जानिा ही नही ंवक मनुष्योंके श्रम सेएक मागगिैयार हो चुका है।
Q.1 उपर्युक्त गद्ाांश ांक पढ़कर नीचेविखेप्रश् ांके उत्तर विखखए। 4
i) विक्षा का क्या उद्देश्य है?
ii) वकस प्रकार की विक्षा व्यथगहै?
iii) मनुष्य के जीवन मेंआद्धत्मक ज्ञान का क्या महत्व है?
iv) उपर्युक्त गद्ांि का उपयुक्त िीषगक दीवजए।

Answers

Answered by ashiq73
1

Answer:

sorry I am weak in hindi please mark me as brain least

Answered by amruthadantuboyena
3

Answer:

(क) किसी भी देश की उन्नति एवं उत्थान उस देश के विद्यार्थियों पर निर्भर है क्योंकि आज के विद्यार्थी ही कल के नागरिक होते हैं।

(ख) राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने हेतु विद्यार्थियों को अपने राष्ट्र एवं समाज के हितों और धर्म तथा संस्कृति को सदैव अपनी आँखों के सामने रखना चाहिए।

(ग) जो विद्यार्थी राष्ट्रीय दृष्टिकोण से अपने जीवन का निर्माण नहीं करते, वे ही समाज के लिए बोझ बन जाते हैं।

(घ) शीर्षक- “स्वतंत्र भारत और विद्यार्थी”।

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