*जापानी युवक रेल में किसको बैठाने आया था?*
1️⃣ माता को
2️⃣ पत्नी को
3️⃣ पिता को
4️⃣ भाई - बहन को
Answers
सही उत्तर है, विकल्प...
2️⃣ पत्नी को
व्याख्या:
जापानी युवक रेल में अपनी पत्नी को बैठाने आया था।
‘कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर’ द्वारा रचित निबंध ‘मैं और मेरा देश’ वे स्वामी रामतीर्थ से संबंधित एक संस्मरण सुनाते हुये कहते हैं, कि भारत के महान संत स्वामी रामतीर्थ जब एक बार जापान में गए तो रेल यात्रा करते समय एक बार उन्हें भोजन के लिये फल ना मिले। उस समय फलाहार ही उनका भोजन था।
ट्रेन जब एक स्टेशन पर रुकी तो उन्होंने फलों की खोज की लेकिन फल ना मिलने पर उनके मुंह से अचानक निकल गया कि जापान में शायद अच्छे फल नहीं मिलते। प्लेटफार्म पर खड़े एक जापानी युवक ने यह बात सुन ली जो अपनी पत्नी को रेल में बैठाने आया था। स्वामी रामतीर्थ के यह शब्द सुनते ही वह तुरंत ताजे फलों का एक टोकरा लेकर आया और स्वामी रामतीर्थ को भेंट करते हुए कहा की यह लीजिए ताजे फल। स्वामी रामतीर्थ ने उसे कोई फल बेचने वाला समझा और दाम पूछा लेकर युवक ने दाम लेने से इनकार कर दिया और साथ ही का कहा यदि आप इसका मूल्य चुकाना चाहते हैं तो बस इतना कीजिए कि अपने देश जा कर यह ना कहिए कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते।
इस रचना के माध्यम से लेखक के कहने का तात्पर्य यह है, कि अपने देश के सम्मान के लिए और देश प्रेम प्रकट करने के लिए सैनिक बनना या बड़े-बड़े वैज्ञानिक या कोई महान व्यक्ति बनना ही आवश्यक नहीं। हम ऐसे छोटे-मोटे प्रयासों द्वारा भी अपने देश के सम्मान की रक्षा कर सकते हैं, जैसा उस जापानी युवक ने किया। उसे अपने देश से इतना प्रेम था कि वो नही चाहता था कि बाहर उसके देश की बदनामी हो, इसलिये उसने वो कार्य किया ताकि किसी विदेशी के मन में उसके देश के लिये नकारात्मक छवि न उत्पन्न हो।
हम भी ऐसा अपने देश के लिये कर सकते हैं, और ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे हमारे देश में आये विदेशी मेहमान हमारे देश के विषय में नकारात्मक छवि लेकर जायें।
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