जो प्रत्येक हाथों के अंत में लगाकर बनाए गए हैं नए शब्दों के करता का बोध कराते हुए उन्हें क्या कृत्य प्रत्येक कहते हैं
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Explanation:
कृत प्रत्यय-जो प्रत्यय क्रिया के मूल रूप अर्थात् उनकी धातु के अंत में लगकर संज्ञा, सर्वनाम शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं।कृत प्रत्यय का दूसरा नाम कृदंत प्रत्यय भी है क्योंकि ये क्रिया की धातु के मूल रूप के अंत में जुड़ते हैं।
हिंदी की क्रियाओं के सामान्य रूप के अंत में पाए जाने वाले ‘ना’ को हटाने पर जो बचता है वही क्रिया का मूल रूप या क्रिया की धातु कहलाता है।
Answer:
भाषा,लिपि
* सर्वनाम
* वचन
* लिंग
* क्रिया
* विशेषण
* कारक
* काल
* समास
* अलंकार
* पर्यायवाची
* क्रियाविशेषण
* विलोम शब्द
* समुच्चयबोधक
* सम्बन्धबोधक
* विस्मयादिबोधक अव्यय
* अनेक शब्दों के एक शब्द
* प्रत्यय
* हिंदी संख्या
हिन्दी वर्णमाला में ५२ अक्षर होते है , जो कि निम्न है :-
स्वर :-
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः ऋ ॠ ऌ ॡ
व्यंजन :-
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण (ड़, ढ़)
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
स श ष ह
क्ष त्र ज्ञ
नोट :- यह वर्णमाला देवनागरी लिपि की है। देवनागरी लिपि में संस्कृत,मराठी,कोंकणी ,नेपाली,मैथिली आदि भाषाएँ लिखी जाती है।
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात है कि हिंदी में ॠ ऌ ॡ का प्रयोग प्रायः नहीं होता।