(ज) 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का रचना स्थल का नाम बताइए।
(झ) “द्रुत झरो जगत के जीर्णे पत्र' किस कवि की पंक्तियाँ हैं?
(ज) 'हरी घास में क्षणभर' किस कवि की रचना है?
(ट) छायावाद के कवि चतुष्ठय का नाम बताइए।
(ठ) 'प्रगतिवाद के गायक' किस कवि को कहा जाता है?
Answers
Answer:
कहते हैं कि कोई देश जब अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा होता है, उस समय वहां सबसे ज्यादा साहित्य रचा जा रहा होता है. ऐसे ही मुश्किल समय में लिखने वाले एक कवि हैं, माखनलाल चतुर्वेदी.
द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र / सुमित्रानंदन पंत
हे शुष्क-शीर्ण! हिम-ताप-पीत, मधुवात-भीत, तुम वीत-राग, जड़, पुराचीन!! निष्प्राण विगत-युग!
हरी घास पर क्षणभर / अज्ञेय - कविता कोश
प्रमुख छायावादी कवियों के संदर्भ में अन्य तथ्य
छायावाद के कवि चतुष्टय जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' तथा महादेवी वर्मा
छायावाद के वृहत्त्रयी जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
छायावाद की लघुत्रयी ...
ब्रह्मा, विष्णु, महेश
नागार्जुन को राजनीतिक कवि के रूप में भी जाना जाता है। नागार्जुन को प्रगतिवाद का शलाका पुरुष कहा जाता है।
Answer:
(ज) मध्यप्रदेश के होशंगाबाद ज़िले का गांव बाबई माखनलालजी की जन्मभूमि है. वो पीढ़ी अब वहां नहीं जिसकी स्मृति और कंठ में यह कविता धड़कती थी. लेकिन हाल ही दादा के जन्मदिन पर भोपाल स्थित दुष्यंत कुमार स्मृति पाण्डुलिपि संग्रहालय में स्वयं माखनलालजी की आवाज़ में 'पुष्प की अभिलाषा' का पाठ का रोमांचक अनुभव था|
(झ) यह पंक्तियाँ कवि सुमित्रानंदन पंत की है|
(ज) यह 'हरी घास में क्षणभर' सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की कविता है|
(ट) जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' तथा महादेवी वर्मा छायावाद के कवि चतुष्ठय के नाम है|
(ठ) 'प्रगतिवाद के गायक' नागार्जुन को कहा जाता है|
Explanation:
कविता या पद्य, साहित्य की विधा है जिसमें किसी कहानी या मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। भारत में कविता का इतिहास और कविता का दर्शन पुराना है। इसका प्रारंभ भरतमुनि से समझा जाता है।
कविता के तत्व
कविता भाव के माध्यम से मनुष्य अपनी हृदयगत अनुभूतियों को व्यक्त करता है, कविता के द्वारा विचार, भाव, रस, नीति, की अभिव्यक्ति होती है, जिसे अनुभूति तत्व भी कहते हैें।
अत: सही उत्तर है (ज) मध्यप्रदेश के होशंगाबाद ज़िले का गांव बाबई माखनलालजी की जन्मभूमि है. वो पीढ़ी अब वहां नहीं जिसकी स्मृति और कंठ में यह कविता धड़कती थी. लेकिन हाल ही दादा के जन्मदिन पर भोपाल स्थित दुष्यंत कुमार स्मृति पाण्डुलिपि संग्रहालय में स्वयं माखनलालजी की आवाज़ में 'पुष्प की अभिलाषा' का पाठ का रोमांचक अनुभव था.
(झ) यह पंक्तियाँ कवि सुमित्रानंदन पंत की है|
(ज) यह 'हरी घास में क्षणभर' सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की कविता है|
(ट) जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' तथा महादेवी वर्मा छायावाद के कवि चतुष्ठय के नाम है|
(ठ) 'प्रगतिवाद के गायक' नागार्जुन को कहा जाता है|
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