जॉर्ज पंचम की नाक पाठ के आधार पर बताइए कि आप किन किन मानवीय मूल्य को अपनाना चाहेंगे
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‘जार्ज पंचम की नाक’ पाठ के आधार पर अगर हम किन्हीं मानवीय मूल्यों को अपनाना चाहेंगे तो वो होंगे...
हमें अपने स्वाभिमान को पहचानना होगा। इस कहानी में नाक को स्वाभिमान के संदर्भ में रखकर व्यंग्य किया गया है। जार्ज पंचम की नाक को नाक बचाने के लिये हम अपने देशवासियों की नाक को कटाने के तैयार हो जाते हैं। जार्ज पंचम की लाट उन अंग्रेजों का प्रतीक है जिन्होंने हम पर सैकड़ों साल राज किया और हम पर अत्याचार किये। फिर भी हमारी नाक जार्ज पंचम की नाक से बड़ी ही निकली अर्थात हमारी मान-मर्यादा कम नही हुई तभी तो किसी बच्चे की मूर्ति का नाक भी जार्ज पंचम की नाक से बड़ी थी। फिर भी हम केवल इंग्लैंड की महारानी को दिखाने के लिये जार्ज पंचम की नाक पर किसी जिंदा व्यक्ति की नाक लगा देना चाहते हैं अर्थात एक विदेशी के सामने झूठे आडंबर के लिये देश का स्वाभिमान दांव पर लगाना चाहते हैं।
हमें स्वाभिमान के इस मूल्य को पहचानाना होगा। अपनी इज्जत, मान-मर्यादा की परवाह करते हुये अंग्रेजों की अभी भी गुलामी करने की मानसिकता से बाहर निकलना होगा।
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‘जार्ज पंचम की नाक’ पाठ के आधार पर अगर हम किन्हीं मानवीय मूल्यों को अपनाना चाहेंगे तो वो होंगे...
हमें अपने स्वाभिमान को पहचानना होगा। इस कहानी में नाक को स्वाभिमान के संदर्भ में रखकर व्यंग्य किया गया है। जार्ज पंचम की नाक को नाक बचाने के लिये हम अपने देशवासियों की नाक को कटाने के तैयार हो जाते हैं। जार्ज पंचम की लाट उन अंग्रेजों का प्रतीक है जिन्होंने हम पर सैकड़ों साल राज किया और हम पर अत्याचार किये। फिर भी हमारी नाक जार्ज पंचम की नाक से बड़ी ही निकली अर्थात हमारी मान-मर्यादा कम नही हुई तभी तो किसी बच्चे की मूर्ति का नाक भी जार्ज पंचम की नाक से बड़ी थी। फिर भी हम केवल इंग्लैंड की महारानी को दिखाने के लिये जार्ज पंचम की नाक पर किसी जिंदा व्यक्ति की नाक लगा देना चाहते हैं अर्थात एक विदेशी के सामने झूठे आडंबर के लिये देश का स्वाभिमान दांव पर लगाना चाहते हैं।
हमें स्वाभिमान के इस मूल्य को पहचानाना होगा। अपनी इज्जत, मान-मर्यादा की परवाह करते हुये अंग्रेजों की अभी भी गुलामी करने की मानसिकता से बाहर निकलना होगा।