'जॉर्ज पंचम की नाक' पाठ में सरकारी खैर ख़्वाह किसे कहा गया है एवं उन पर क्या व्यंग्य है?
Answers
Answer:
जार्ज पंचम की नाक’ पाठ में जिस सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली को दर्शाया गया है वह बड़ी ही संकीर्ण सोच को व्यक्त करती है | सरकारी तंत्र परतंत्रता की मानसिकता से ग्रस्त है। किसी भी कार्य के प्रति सरकारी तंत्र जागरूक नहीं है। अवसर आने पर ही उनकी निद्रा खुलती है। सरकारी कार्यप्रणाली में मीटिंगें प्रमुख हैं। हर छोटी-से-छोटी बात पर मीटिंग बुलाई जाती है जिसमें परामर्श होता है, विचार विमर्श होता है परंतु उसके अनुरूप कार्य नहीं होता | सभी विभाग एक-दूसरे पर कार्य थोपते रहते हैं। व्यर्थ का दिखावटीपन, चिंता, चापलूसी की प्रवृत्ति पूरी कार्यप्रणाली में कूट-कूट कर भरी हुई है। पाठ में रानी एलिजाबेथ के भारत आने पर सम्पूर्ण सरकारी तंत्र अपने सभी काम-काज छोड़कर उनकी तैयारी और स्वागत मे लग जाता है | जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता और बदहवासी दिखाई देती है संपूर्ण पाठ में दिखाई देती है वह सरकारी तंत्र की अयोग्यता, अदूरदर्शिता, चाटुकारिता और मूर्खता को दर्शाती है।