Hindi, asked by tanujp392, 3 months ago

जैर • लिखित (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (1) हमें अपने जीवन की रिक्तता कब छोटी लगने लगती है ? (2) मेधावी युवक अपना मानसिक संतुलन क्यों खो बैठा? लेखिका क्यों चाहती थी कि वह युवक डॉ० चंद्रा के विषय में उनकी लिखी पंक्तियों को पढ़ें? डॉ० चंद्रा की कठिन यातनाप्रद संघर्षमय जीवन यात्रा से आपको क्या प्रेरणा मिलती है? स्पष्ट कीजिए कि डॉ० चंद्रा की माँ वास्तव में 'वीर जननी' पुरस्कार पाने की हकदार थीं? (6) इस कहानी के लिए आपके विचार से अन्य उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है और क्यों? ' If हैं . नि (ख) आशय स्पष्ट कीजिए- (1) नियति के प्रत्येक कठोर आघात को अति अमानवीय धैर्य और साहस से झेलती वह बित्ते-भर की लड़क मुझे किसी देवांगना से कम नहीं लगी। (2) "ईश्वर सब द्वार एक साथ बंद नहीं करता। यदि एक द्वार बंद करता भी है, तो दूसरा द्वार खोल भी देता है।" (1) 'चिकित्सा ने जो खोया है, वह विज्ञान ने पाया है।' प 36 अमत हिंदी पाठमाला-8 अमृत​

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Answered by jogikul
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Answer:

1...कभी-कभी अचानक की विधाता हमें ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व से मिला देता है, जिसे देख स्वयं अपने जीवन की रिक्तता बहुत छोटी लगने लगती है। हमें तब लगता है कि भले ही उस अन्यर्यामी ने हमें जीवन में कभी-कभी अकस्मात् अकारण ही दंडित कर दिया हो, हमारे किसी अंग को हमसे विच्छिन्न कर हमें उससे वंचित तो नहीं किया।

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