English, asked by kingofjesus111981, 7 months ago

जीरा सौंफ कॉलोनियल एक्स स्क्वेयर माइनस 5 एक्स प्लस 3​

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Answered by muralikmarasur7
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महेसाणा. कोरोना वायरस की वजह से बाजारों में इस वर्ष मंदी का माहौल देखने को मिल रहा है। इसका सीधा असर जिले के ऊंझा मार्केट यार्ड में हो रहा है। मेहसाणा ही नहीं बल्कि पूरे एशिया के सबसे बड़े बाजार ऊंझा में किसान अपना माल लेकर पहुंच तो रहे हैं लेकिन मांग में कमी होने की वजह से गत वर्ष की अपेक्षा जीरा और सौंफ सहित अन्य फसलों की मांग में भी 15 फ़ीसदी की कमी दिखाई दे रही है। जीरा और अन्य फसलों की मांग में कमी होने की वजह से किसान परेशान हैं।

ऊंझा मार्केट यार्ड में प्रतिदिन जीरे की आवक 50,000 बोरी और सौंफ की आवक 20 से 25 हजार बोरी हो रही है। वर्तमान वर्ष में मानसून के दौरान अच्छी बारिश होने की वजह से जीरे और सौंफ की फसलें अच्छी हुई हैं, लेकिन बिक्री के समय में कोरोना की वजह से किसान काफी परेशान हैं। मांग ज्यादा नहीं होने की वजह से इनके दाम भी कम मिल रहे हैं। इस वजह से किसानों को बेशक नुकसान हो रहा है लेकिन जो मजदूर इस मार्केट यार्ड में काम करते हैं वे घर पर बैठने के बजाय यार्ड में आकर थोड़ी बहुत मजदूरी कर लेते हैं जिससे की उनके परिवार का गुजारा तो चलता ही है, इसके साथ साथ मार्केट यार्ड में भी चहल पहल दिखाई दे रही है।

अलग -अलग फसलों की नीलामी

ऊंझा एपीएमसी के चेयरमैन दिनेश पटेल और व्यापारी विक्रम जैन का कहना है कि मार्केट यार्ड में अलग -अलग दिनों में अलग -अलग फसलों की नीलामी की जा रही है। जिससे की सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे और यार्ड में ज्यादा फसलों का जमाव नहीं हो। यहां पर फिलहाल जीरे का भाव प्रति मन (20 किलो) १६०० से 3400 रुपए है। सौंफ की नीलामी 800 से 22०० रुपए प्

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