जो रहीन गति दीप काकुल कपूठ गई साई
बारे उजियारे करे पढ़े अद्यरो घोड़।।
।
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Explanation:
जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। बारे उजियारो लगे, बढ़े अँधेरो होय॥
अर्थ
दीपक के चरित्र जैसा ही कुपुत्र का भी चरित्र होता है। दोनों ही पहले तो उजाला करते हैं पर बढ़ने के साथ-साथ अंधेरा होता जाता है।
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Answer:
दीपक के चरित्र जैसा ही कुपुत्र का भी चरित्र होता है। दोनों ही पहले तो उजाला करते हैं पर बढ़ने के साथ-साथ अंधेरा होता जाता है।
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