Hindi, asked by anjalikumaridav969, 4 months ago

जैसे अपने देश पर अभिमान नहीं वह मनुष्य नहीं पशु है​

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Answered by mrsanjusingh78
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Answer:

"जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है,वह नर नहीं नर पशु निरा और मृतक समान है जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं,वह हृदय नहीं है पत्थर है,जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं" हमारे राष्ट्र प्रेम को उद्दीप्त करती 'गुप्त' जी के ये शब्द सभी के जीवन का ध्येय वाक्य होने चाहिए।

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