Hindi, asked by kbatra2005, 7 months ago

“जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं, वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।​

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Answered by bhatiamona
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“जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं, वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।​

यह पंक्तियाँ ‘उत्साह’ कविता से ली गई है|

‘उत्साह’ कविता में कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ में जीवन में सकारात्मक को अपनाने का संदेश दिया है।

उत्साह कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से यही संदेश देने का प्रयत्न किया है। बादल उत्साह और ऊर्जा एवं उमंग का प्रतीक है वह घोर गर्जना करते हैं और बरसते हैं जिससे मन में उत्साह का भाव का संचार होता है। जीवन को उत्साह और संघर्ष के लिए प्रेरित करता है| जीवन में नया परिवर्तन और नई सोच के लिए संकेत करता है| मानव जीवन को पीड़ाओं को दूर करने के लिए प्रेरित करता है|  

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उत्साह कविता में बादलों के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?

Answered by indrajaindu836
2

Answer:

ऊपर देखो आसमान में,

किसने रंग बिखेरा काला।

सूरज जाने कहाँ छिप गया,

खो गया उसका कहीं उजाला ॥

देख गगन का काला चेहरा

बिजली कुछ मुसकाई ।

लगा बहाने गगन बनाने,

ज्यों बिजली ने आँख दिखाई ॥

कुछ वसुधा में आन समाया॥

वह लाई एक थाल में पानी,

उसका मुँह धुलवाया।

थोड़ा पानी आसमान में

बाकी सब धरती पर आया ।।

कुछ टपका फूलों पर जाकर

कुछ ने चातक की प्यास बुझाया।

कुछ तालों कुछ फसलों तक

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