जैसे बाड़ी कास्ट ही काटे अग्नि ना काटे कोई सब घटी मंत्री तू ही व्यापक दरें सरूपे हुई इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप हैकबीर ने अपने को दीवाना क्यों कहा है
Answers
Answered by
2
Answer:
सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।” -इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप है? इस काव्यांश के आधार पर कहा जा सकता है कि ईश्वर सर्वव्यापक है, उसे काटा या मिटाया नहीं जा सकता।
Answered by
0
Explanation:
Kabir ki Drishti mein Parmatma multiple hai vah sare sansar aur jivdhariyon mein usi prakar nivas karte Hain jis prakar lakadi mein Agni nivas Karti Jaise badhai lakadi ko to kat sakta hai lekin usmein Sani hit attraction Agni Ko nahin khatm kar sakta use tarah manushya ka sharir to nashvar hai kintu uske andar mein nivas karne wala Parmatma Amar hai
Similar questions