जैसा भोजन खाइए तो तै सा ही मन हुई
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꧁जैसा भोजन खाइये , तैसा ही मन होय।
जैसा भोजन खाइये , तैसा ही मन होय।जैसा पानी पीजिये, तैसी वाणी होय।।꧂
⠀⠀⠀⠀ ★ ।। हिन्दी मे अर्थ ।।⠀★⠀⠀
☯︎संत शिरोमणि कबीरदास कहते हैं कि जैसा भोजन करोगे, वैसा ही मन का निर्माण होगा और जैसा जल पियोगे वैसी ही वाणी होगी अर्थात शुद्ध-सात्विक आहार तथा पवित्र जल से मन और वाणी पवित्र होते हैं इसी प्रकार जो जैसी संगति करता है वैसा ही बन जाता है।
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