Hindi, asked by Khandelwalpooka192, 5 months ago

जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला

उस-उस राही को धन्यवाद।


जीवन अस्थिर, अनजाने ही

हो जाता पथ पर मेल कही

सीमित पग-डग, लंबी मंजिल,

तय कर लेना कुछ खेल नहीं।

दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते

सम्मुख चलता पथ का प्रमाद,

जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला

उस-उस राही को धन्यवाद।


साँसों पर अवलंबित काया,

जब चलते-चलते चूर हुई।

दो स्नेह शब्द मिल गए,

मिली नव स्फूर्ति,

थकावट दूर हुई।

पथ के पहचाने छूट गए,

पर साथ-साथ चल रही यादें।

जिस-जिससे पथ पर स्नेह मिला

उस-उस राही को धन्यवाद।

1. कवि किस-किस राही को धन्यवाद देना चाहता है? *

Answers

Answered by 567sweetysharma
1

जिस जिस से पथ पर स्नेह मिला |नव saकुर्ती वe शब्द है जिसको राही धन्यवाद देना चाहता था

Answered by azeemy9114
0

Answer:

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