जिस जन्मभूमि को धूल में खेलकर हम बड़े हुए हैं, उसका अपमान भी कैसे सहन किया जा सकता है ? हम महाराणा के नोकर हैं तो क्या हमने अपनी आत्मा भी उन्हें बेच दो है? जब कभी मेवाड़ की स्वतंत्रता पर आक्रमण हुआ है, हमारी तलवार ने उनके नमक का बदला दिया है।
1)वीर सिंह किसकी धूल में खेलकर बड़ा हुआ है ? ‘घूल में खेलकर बड़े होने’ से क्या तात्पर्य है ?
2)महाराणा के प्रति वीरसिंह के कैसे विचार हैं ? मेवाड़ पर आक्रमण होने पर वीरसिंह की क्या प्रतिक्रिया रही ?
3)‘नमक का बदला देने’ से क्या अभिप्राय है ? नमक का क्या अर्थ है ? समझाइए।
4)इस अवतरण के आधार पर वीरसिंह पर टिप्पणी लिखिए।
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- विर सिंह जन्मभुमी की धुल पर खेलकर बडा हुआ है.इसका तात्पर्यः उसी जगह वो खेल-कुद कर और पढ-लिख कर बडा हुआ है.
- की माहाराना उनके लिए अपनी जान भी कुरबानी तर दे. उन्होने उसका बदला लिया है .
- उन्होने उसके उपकार को पुरा किया। नमक -- उपकार .
विर सिंह चाहते थे कि माहाराना उनके पर अपना सब कुछ कुरबान कर दे इसीलिये पुरे कर दिये .
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