जैसा कि कहा जा चुका है मूर्ति संगमरमर की थी। टोपी की नोक से कोर्ट के दूसरे बटन तक कोई 2 फुट ऊंची। जिसे कहते हैं बस्ट। और सुंदर थी। नेताजी सुंदर लग रहे थे। कुछ-कुछ मासूम और कमसिन। फौजी वर्दी में। मूर्ति को देखते ही दिल्ली चलो और तुम मुझे खून दो…. वगैरह याद आने लगते थे। इस दृष्टि से यह सफल और सराहनीय प्रयास था। केवल एक चीज की कसर थी जो देखते ही खटकती थी। नेताजी की आंखों पर चश्मा नहीं था। यानी चश्मा तो था, लेकिन संगमरमर का नहीं था।एक सामान्य और सचमुच के चश्मे का चौड़ा काला प्रेम मूर्ति को पहना दिया गया था। हालदार साहब जब पहली बार कस्बे से गुजरे और चौराहे पर पान खाने रुके तभी उन्होंने इसे लक्षित किया और उनके चेहरे पर एक को तू की मुस्कान फैल गई। वाह भाई! यह आईडी अभी ठीक है। मूर्ति पत्थर की, लेकिन चश्मा रियल!
१) मूर्ति किसकी थी
क) लाला लाजपत राय
ख) पंडित जवाहरलाल नेहरू
ग) नेताजी सुभाष चंद्र बोस
२) किसका प्रयास सराहनीय था
क) नेताजी का
ख) हालदार साहब का
ग) नगर पालिका के प्रशासनिक अधिकारी का
३) हालदार साहब चौराहे पर क्यों रुके
क) मूर्ति को चश्मा पहनाने के लिए
ख) गाड़ी ठीक करवाने के लिए
ग) पान खाने के लिए
४) हालदार साहब के चेहरे पर क्या फैल गया
क) पान
ख) कौतुकी मुस्कान
ग) क्रोध
५) आइडिया शब्द किस भाषा का है
क) अंग्रेजी
ख) हिंदी
ग) फारसी
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प्रश्नों के उतर इस प्रकार है :
१) मूर्ति किसकी थी
इसका सही जवाब है :
ग) नेताजी सुभाष चंद्र बोस
२) किसका प्रयास सराहनीय था
इसका सही जवाब है :
क) नेताजी का
३) हालदार साहब चौराहे पर क्यों रुके
इसका सही जवाब है :
ग) पान खाने के लिए
४) हालदार साहब के चेहरे पर क्या फैल गया
इसका सही जवाब है
ख) कौतुकी मुस्कान
५) आइडिया शब्द किस भाषा का है :
इसका सही जवाब है
क) अंग्रेजी
व्याख्या :
यह प्रश्न नेता जी का चश्मा कहानी से लिए गए है | नेता जी का चश्मा कहानी प्रकाश जी द्वारा लिखी गई है | यह एक प्रसिद्ध कहानी है | लेखन ने इस कहानी में देश की भक्ति की भावना सभी नागरिकों में होनी चाहिए का वर्णन किया है |
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