जूस कहानी के कथा में को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए भी सहज पड़ा करना पड़ा था अगर आपको इस प्रकार का संघर्ष करना पड़े तो आप पर अनुकूल और प्रतिकूल प्रतिक्रिया क्या होगी जीवन मूल्यों की दृष्टि से स्पष्ट करते हुए अपने विचार लिखिए
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Answer:
Class 12 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 2 जूझ.
NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 2 जूझ
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1.
जूझ’ शीर्षक के औचित्य पर विचार करते हुए यह स्पष्ट करें कि क्या यह शीर्षक कथा नायक की किसी केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है? (CBSE-2009)
उत्तर:
शीर्षक किसी भी रचना के मुख्य भाव को व्यक्त करता है। इस पाठ का शीर्षक ‘जूझ’ पूरे अध्याय में व्याप्त है।
‘जूझ’ का अर्थ है-संघर्ष। इसमें कथा नायक आनंद ने पाठशाला जाने के लिए संघर्ष किया। यह एक किशोर के देखे और भोगे हुए गाँवई जीवन के खुरदरे यथार्थ व परिवेश को विश्वसनीय ढंग से व्यक्त करता है। इसके अतिरिक्त, आनंद की माँ भी अपने स्तर पर संघर्ष करती है। लेखक के संघर्ष में उसकी माँ, देसाई सरकार, मराठी व गणित के अध्यापक ने सहयोग दिया। अत: यह शीर्षक सर्वथा उपयुक्त है। इस कहानी के कथानायक में संघर्ष की प्रवृत्ति है। उसका पिता उसको पाठशाला जाने से मना कर देता है। इसके बावजूद, कथा नायक माँ को पक्ष में करके देसाई सरकार की सहायता लेता है। वह दादा व देसाई सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखता है तथा अपने ऊपर लगे आरोपों का उत्तर देता है। आगे बढ़ने के लिए वह हर कठिन शर्त मानता है। पाठशाला में भी वह नए माहौल में ढलने, कविता रचने आदि के लिए संघर्ष करता है। इस प्रकार यह शीर्षक कथा-नायक की केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है।
जूझ कहानी के आधार पर जीवन मूल्यों की दृष्टि स्पष्ट करते हुए प्रतिक्रिया :
- : जूझ कहानी के पात्र आनंदा को अपनी पढ़ाई करने के लिए अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा।
- यदि मेरी जीवन में भी ऐसी स्थिति आती तो मुझे भी संघर्ष करना पड़ता परन्तु मै भी आनंदा की तरह हार नहीं मानती। अपने माता वी पिताजी को मनाती कि मुझे पढ़ाई करने दे क्योंकि मै अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहती हूं। पढ़ लिखकर समाज में एक ओहदे को पाना चाहती हूं।
- कठिनाईयां तो सभी के जीवन में आती है किन्तु यदि हमें अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करनी है तो मेहनत भी करनी होगी तथा अपनी जिम्मेदारियां भी निभानी होगी। तब जाकर हम सफलता प्राप्त कर सकेंगे। अपने जीवन में लक्ष्य तक पहुंचेंगे।
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