जिसे मन -प्राण से चाहा, निमंत्रण के बिना उसके
सपन तो खुद-त-खुद आते, नयन माँगा नहीं करते
जिन्होंने कर लिया स्वीकार, पश्चात्ताप में जलना
सुलगते आप, बाहर से, अगन माँगा नहीं करते
भावार्थ लिखिए
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Explanation:
अँधेरे के इलाके में किरण माँगा नहीं करतेजहाँ हो कंटको का वन, सुमन माँगा नहीं करते ।जिसे अधिकार आदर का, झुका लेता स्वयं मस्तकनमन स्वयमेव मिलते हैं, नमन माँगा नहीं करते ।परो में शक्ति हो तो नाप लो, उपलब्ध नभ साराउड़ानो के लिए पंछी, गगन माँगा नहीं करते ।जिसे मन प्रान से चाहा, निमंत्रण के बिना उसकेसपन तो खुद-ब-खुद आवे आते, नयन माँगा नही करतेजिन्होंने कर लिया स्वीकार, पश्चात्ताप में जलनासुलगते आप, बाहर से, अगन माँगा नहीं करते ।
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जिसे मन-प्राण से चाहा, निमंत्रण के बिना उसके सपन तो खुद-ब-खुद आते, नयन माँगा नहीं करते।
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