जिस समाज में कला का स्थान नहीं है वह ----------- हो जाता है |
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जिस समाज में कला का स्थान नहीं है वह _____ हो जाता है |
जिस समाज में कला का स्थान नहीं है वह ...प्राणहीन... हो जाता है |
व्याख्या :
कला ही किसी समाज में सभ्यता और संस्कृति के निर्माण का कार्य करती है। जिस समाज में कला को कोई स्थान नहीं होता वह समाज प्राणहीन ही होता है, क्योंकि कला जीवन की जीवंतता का प्रतीक होती है। कला के माध्यम से मनुष्य के जीवन में रंग उत्पन्न होते है। उसे अपने भावों की अभिव्यक्ति का माध्यम मिलता है। इसलिये कलाहीन समाज प्राणहीन समाज के समान है।
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