जिसकी लाठी उसकी भैंस write a short story in 250 words
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बहुत पुराणी बात है, एक गांव में रामु नाम का एक दूध वाला भइया रहता था। उसके पास बहुत सारी भैंसे थी और वह उन्हें बहुत प्रेम करता था। भैंस का दूध वह गांव में घूम-घूमकर बेचता था। गांव में रामु का बड़ा सम्मान था।
क्युकी रामु बहुत ही शांत और सरल दिल का था। और वह दूध में पानी नहीं मिलाता था। इसलिए उसके पास ग्राहक भी धीरे-धीरे बढ़ने लगे।
एक दिन की बात है, एक आदमी ने रामु भइया से दूध माँगा लेकिन रामु के पास दूध ख़तम हो गया था। इसलिए वह उसे दूध नहीं दे पाया। तब रामु ने सोचा की क्यों न वह एक और भैंस खरीद ले।
ऐसा सोचकर दूसरे दिन रामु बाजार पहुंचा। रामु एक आदमी के पास गया जहाँ उनके पास बहुत सारी भैंसे थी। रामु ने सब भैंसो को देखा और उनमे से एक भैंस पसंद की। रामु पैसे देकर उस भैंस को खरीद लेता है और वहां से चल पड़ता है।
रामु को अपने गांव जाने के लिए एक जंगल से गुजरना पड़ता है। रामु अपनी भैंस को लेकर उस जंगल से गुजर ही रहा था तभी सामने एक आदमी हाथ में लाठी लेकर रामु के पास आ खड़ा हुआ आया। उस आदमी ने कहा, “अरे दूध वाले, रुको।” रामु ने कहा, “अरे भइया आपको कैसे पता की मैं दूध बेचता हूँ।”
उस आदमी ने कहा, “मुर्ख, अगर तू दूध वाला नहीं तो क्या इस भैंस का अचार डालोगे। चलो यह भैंस मेरे हवाले करो और दफा हो जाओ यहाँ से, नहीं तो लाठी से ऐसा हाल करूँगा की खुदको पहचान भी नहीं पाओगे।”
रामु डर गया लेकिन फिर थोड़ा सोच में डूबा। उस आदमी ने कहा, “जल्दी करो मुर्ख, मेरे पास इतना समय नहीं है।” रामु ने डरके मारे उस भैंस को उसे दे दिया। रामु के इतने शांत स्वाभाव को देखकर वह आदमी बहुत प्रभाबित हुआ और कहा, “तुम तो बड़े डरपोक हो। इतनी आसानी से मुझे अपनी भैंस दे दी।” तो रामु ने कहा, “अरे भइया, लाठी से मार खाने से अच्छा है भैंस ही दे दो।”
उस आदमी ने कहा, “ठीक है, अब भागो यहाँ से नहीं तो मार पड़ेगी।” रामु थोड़ा सोचकर बोला, “भइया मेरी बात सुनो, मैंने मेरी भैंस आपको दे दी पर अगर मैं खाली हाथ घर जाऊँगा तो मेरी बीवी मुझे बहुत मारेगी तो अगर यह लाठी मुझे दे देते तो बड़ा ऐसान होता।”
उस आदमी ने फिर बिना सोचे समझे रामु को अपना लाठी दे दिया। रामु ने फिर झट से हाथ में लाठी लपकी और कहा, “मेरी भैंस मुझे लौटा दो नहीं तो मैं तुम्हारी सर फोड़ दूंगा।”
उस आदमी को अपनी मूर्खता समझमे आ गई। जिस लाठी से उसने रामु की भैंस ली थी वही लाठी उसके पास जा चुकी थी। वह चुप चाप भैंस की रस्सी रामु को दे देता है और कहता है, “जबकि मैंने तुम्हारी भैंस लौटा दी है अब तुम मेरी लाठी लौटा दो।”
रामु जानता था की अगर उसने फिरसे उसे लाठी दे दी तो वह फिर उससे भैंस मांगेगा। इसलिए रामु ने कहा, “कौनसी लाठी? कैसी लाठी? भागो यहाँ से। नहीं तो मैं तुम्हारा सर फोड़ दूंगा।” वह आदमी घबड़ाकर वहां से भाग जाता है।
जिसकी लाठी उसकी भैंस
बहुत पुराणी बात है, एक गांव में रामु नाम का एक दूध वाला भइया रहता था। उसके पास बहुत सारी भैंसे थी और वह उन्हें बहुत प्रेम करता था। भैंस का दूध वह गांव में घूम-घूमकर बेचता था। गांव में रामु का बड़ा सम्मान था।
क्युकी रामु बहुत ही शांत और सरल दिल का था। और वह दूध में पानी नहीं मिलाता था। इसलिए उसके पास ग्राहक भी धीरे-धीरे बढ़ने लगे।
एक दिन की बात है, एक आदमी ने रामु भइया से दूध माँगा लेकिन रामु के पास दूध ख़तम हो गया था। इसलिए वह उसे दूध नहीं दे पाया। तब रामु ने सोचा की क्यों न वह एक और भैंस खरीद ले।
ऐसा सोचकर दूसरे दिन रामु बाजार पहुंचा। रामु एक आदमी के पास गया जहाँ उनके पास बहुत सारी भैंसे थी। रामु ने सब भैंसो को देखा और उनमे से एक भैंस पसंद की। रामु पैसे देकर उस भैंस को खरीद लेता है और वहां से चल पड़ता है।
बुद्धि का सौदागर | Dealer Of Intelligence Story In Hindi
रामु को अपने गांव जाने के लिए एक जंगल से गुजरना पड़ता है। रामु अपनी भैंस को लेकर उस जंगल से गुजर ही रहा था तभी सामने एक आदमी हाथ में लाठी लेकर रामु के पास आ खड़ा हुआ आया। उस आदमी ने कहा, “अरे दूध वाले, रुको।” रामु ने कहा, “अरे भइया आपको कैसे पता की मैं दूध बेचता हूँ।”
उस आदमी ने कहा, “मुर्ख, अगर तू दूध वाला नहीं तो क्या इस भैंस का अचार डालोगे। चलो यह भैंस मेरे हवाले करो और दफा हो जाओ यहाँ से, नहीं तो लाठी से ऐसा हाल करूँगा की खुदको पहचान भी नहीं पाओगे।”