Hindi, asked by chiragahire3, 22 days ago

"जिसको मंजिल का पता रहता है। पथ के संकट को वही सहता है। एक दिन सिद्धी के शिखर पर बैठ। अपना इतिहास वही कहता है। (सारांश लेखन)​

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Answered by bhatiamona
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"जिसको मंजिल का पता रहता है। पथ के संकट को वही सहता है। एक दिन सिद्धी के शिखर पर बैठ। अपना इतिहास वही कहता है। (सारांश लेखन)​

व्याख्या : यह पंक्तियाँ नवनिर्माण कविता से ली गई है | पंक्तियों में बताया गया है , जो मनुष्य अपने लक्ष्य को पहले स एसोच कर रखता है , वह मनुष्य उसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करता है | जो मनुष्य मेहनत करता है , उसके रास्ते में ही बहुत कठिनाइयां आती है | वही आगे चलकर अपने लक्ष्य को पूरा करता है | ऐसे व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करके है और इतिहास में अपने नाम को रोशन करते है | हमें ऐसे लोगों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए

Answered by 919325775810
0

Answer:

correct

Explanation:

पथ के संकट को वही सहता है

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