Hindi, asked by sonalrakhi6, 9 months ago

जिसके मन में आशा हो​

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Answered by pushkarsingh8648
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कवि सुमित्रानंदन पंत ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहते है कि हे प्रभु! मैं उसका प्रेमी बनें, जो समान रूप में मनुष्यों का कल्याण करने वाला हो, संसार रूपी जीवन में जो बहुत समय तक रहनेवाला हो जो सौंदर्य से परिपूर्ण और जिसके हृदय में सत्य हो। कवि कहते है हे प्रभु!

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