Hindi, asked by jinishachouhan, 6 months ago

जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है , अब तो जूते की कीमत और बढ़ गयी है । यह व्यंग्य आधुनिक समाज की सच्चाई को उजागर करता है , कैसे ? ​

Answers

Answered by sangitajain975
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Answer:

व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं। परन्तु आज लोग अपने सामर्थ्य के बल अनेक टोपियाँ (सम्मानित एवं गुणी व्यक्तियों) को अपने जूते पर झुकने को विवश कर देते हैं।

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