जाटों को वेलको का आईडिया कैसे आया
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प्राचीन काल से युद्ध कला में निपुण रहे जाट मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जाट अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए भारतीय सेना में इनकी खुद की जाट रेजीमेंट नाम से एक रेजीमेंट है। जाट मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान,मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। गुजरात में इन्हें आँजणा जाट (आँजणा चौधरी) नाम से जाना जाता है और पंजाब में इन्हें जट(जट्ट) बोला जाता है। सामान्यत: जाट हिन्दू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मो में देखे जा सकते हैं। [3] मुस्लिम तथा सिख जाट, हिन्दू जाटों से ही परिवर्तित हुए थे।
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जाट
जाति
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जाट उत्तर भारत और पाकिस्तान में पारंपरिक रूप से किसानों का एक जाति समुदाय हैं।[1][2]
जाट
Maharaja Suraj Mal.jpg
भरतपुर के 18 वें सदी के हिन्दू जाट शासक महाराजा सूरज मल।
वर्ण
क्षत्रिय
धर्म
मुख्यतः हिन्दू , अन्य: सिख, मुस्लिम
भाषा
हरियाणवी, हिन्दी, पंजाबी, राजस्थानी,ब्रज, सिंधी
वासित राज्य
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश आदि।
क्षेत्र
भारतीय उपमहाद्वीप (मुख्यतः उत्तर भारत) ~3-4 करोड़ (2009-10)
आधुनिक स्थिति
प्राचीन काल से युद्ध कला में निपुण रहे जाट मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जाट अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए भारतीय सेना में इनकी खुद की जाट रेजीमेंट नाम से एक रेजीमेंट है। जाट मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान,मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। गुजरात में इन्हें आँजणा जाट (आँजणा चौधरी) नाम से जाना जाता है और पंजाब में इन्हें जट(जट्ट) बोला जाता है। सामान्यत: जाट हिन्दू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मो में देखे जा सकते हैं। [3] मुस्लिम तथा सिख जाट, हिन्दू जाटों से ही परिवर्तित हुए थे।
स्वतंत्रता से पूर्व
हिन्दुस्तान टाइम्स के २०१२ के आकलन के अनुसार, भारत में जाटों की सम्भावित संख्या ८.२५ करोड के लगभग है।[4]
भारतीय गणराज्य
जाट समुदाय भारत में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात आदि राज्यो में बसते हैं। पंजाब में यह जट (जट्ट) कहलाते हैं तथा शेष प्रदेशों में जाट कहलाते है। [5]
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में जाट जाति अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत की गयी हैं।[6][7][8][9]
२०वीं सदी और वर्तमान में जाट हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली[10] राजस्थान और पंजाब[11] में राजनैतिक रूप से अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। भारत के छटे प्रधानमन्त्री चरण सिंह सहित कुछ जाट नेता ख्यात राजनेताओं के रूप में उभरे।
पाकिस्तान
पाकिस्तान में बड़ी संख्या में जाट मुस्लिम रहते हैं और पाकिस्तानी पंजाब तथा मोटे तौर पर पाकिस्तान में सार्वजनिक जीवन में प्रमुख भूमिका में हैं। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में भी जाट समुदाय निवास करते हैं।
पाकिस्तान में भी जाट नेता विशिष्ट राजनेता हैं जैसे आसिफ अली ज़रदारी और हिना रब्बानी खर।[12]
ब्रज कालीन
17 वीं शताब्दी के अंत और 18 वीं शताब्दी के प्रारंभ में जाटों ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ हथियार उठाए। वैदिक जाट राज्य महाराजा सूरज मल (1707-1763) के अधीन अपने चरम में पहुँच गया। 20 वीं शताब्दी तक, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में जमींदार जाट एक प्रभावशाली समूह बन गए। इन वर्षों में, कई जाटों ने शहरी नौकरियों के पक्ष में कृषि को छोड़ दिया और उच्च सामाजिक स्थिति का दावा करने के लिए अपनी प्रमुख आर्थिक और राजनीतिक स्थिति का उपयोग किया।[13]