जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन
के बारे में क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।
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Explanation:
जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। जितेन ने बताया कि पहाड़ी इलाका होने के कारण वहाँ रास्ते दुर्गम थे। वहाँ के बच्चों की जिंदगी आरामदेह कतई नहीं थी। ... ऐसा ही कुछ लेखिका को सिक्किम में बौद्ध धर्म के बारे में भी देखने को मिला।
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सिक्किम में गंतोक से लेकर यूमथांग तक तरह-तरह के फूल हैं। फूलों से लदी वादियाँ हैं।
शांत और अहिंसा के मंत्र लिखी ये श्वेत पताकाएँ जब यहाँ किसी बुद्ध के अनुयायी की मौत होती है तो लगाई जाती हैं। ये 108 होती हैं।
रंगीन पताकाएँ किस नए कार्य के शुरू होने पर लगाई जाती हैं।
कवी-लोंग-स्टॉक-यहाँ ‘गाइड’ फिल्म की शूटिंग हुई थी।
यह धर्मचक्र है अर्थात् प्रेअर व्हील। इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं।
यह पहाड़ी इलाका है। यहाँ कोई भी चिकना-चर्बीला आदमी नहीं मिलता है।
नार्गे ने उत्साहित होकर ‘कटाओ’ के बारे में बताया कि ‘कटाओ हिंदुस्तान का स्विट्जरलैंड है।”
यूमथांग की घाटियों के बारे में बताया कि बस पंद्रह दिनों में ही देखिएगा पूरी घाटी फूलों से इस कदर भर जाएगी कि लगेगा फूलों की सेज रखी हो।