Hindi, asked by zm354648, 3 months ago

"जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहने दो म्यान ।।"​

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Answered by Anonymous
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उपर्युक्त दोहे का अर्थ है कि हमें साधु से कभी उसकी जाति या वंश के बारे में नहीं पूछना चाहिए अपितु हमें उसके द्वारा दिये गए ज्ञान की कीमत को समझना चाहिए जिस प्रकार हमें तलवार की म्यान के बजाय तलवार का मोल होता ठीक उसी प्रकार साधु के पहनावे या उसकी जाति के बजाय उसके ज्ञान का महत्व होता है |

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