जात पनि
शब्दार्थ
नवाला
शगता
शीश- सिर
ट- उपहार
तीप्स
जसछत-पत्र
स
छ-
स निहता -तीन
व उपते- पैदा हो
케
तित- अपने
कृति१. आकलन कृति
*हाक राष्ट्र मे रत्तर लिधिरा
कवि की जिह्वा पर इसके गीत हो.
कति की डिहवाहा पर माली के
ठगीत
, के
नादति के सपत -
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जात पनि
शब्दार्थ
नवाला
शगता
शीश- सिर
ट- उपहार
तीप्स
जसछत-पत्र
स
छ-
स निहता -तीन
व उपते- पैदा हो
케
तित- अपने
कृति१. आकलन कृति
*हाक राष्ट्र मे रत्तर लिधिरा
कवि की जिह्वा पर इसके गीत हो.
कति की डिहवाहा पर माली के
ठगीत
, के
नादति के सपत -
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