Physics, asked by Ninjawizard, 1 year ago

जड़त्व आघुर्ण तथा परिभ्रमण त्रिज्या से आप क्या समझते हैं ?

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Answered by Anonymous
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किसी पिण्ड की घूर्णन की दर के परिवर्तन के प्रति प्रतिरोध की माप उस पिण्ड का जड़त्वाघूर्ण (Moment of inertia) कहलाता है। किसी पिण्ड का जड़त्वाघूर्ण उसके आकार-प्रकार एवं उसके अन्दर द्रव्यमान के वितरण की प्रकृति पर निर्भर करता है। स्थानान्तरण गति में जो कार्य द्रव्यमान का है वही कार्य घूर्णन गति में जड़त्वाघूर्ण का होता है। जड़त्वाघूर्ण के प्रतीक के लिये I या कभी-कभी J का प्रयोग किया जाता है। जड़त्वाघूर्ण की अवधारणा का उल्लेख सबसे पहले यूलर (Euler) ने सन् १७३० में अपनी पुस्तक ' Theoria motus corporum solidorum seu rigidorum ' में किया था।

किसी स्थिर अक्ष के परितः कणों के किसी निकाय का जड़त्वाघूर्ण Ja, उन सभी कणों के द्रव्यमान तथा उनकी अक्ष से दूरी के वर्ग के गुणनफलों के योग के बराबर होता है।

{\displaystyle J_{a}=\sum _{i=1}^{n}m_{i}r_{i}^{2}\,\!} {\displaystyle J_{a}=\sum _{i=1}^{n}m_{i}r_{i}^{2}\,\!},

जहाँ:

mi — i-वें कण का द्रव्यमान

ri — i-वें कण की अक्ष से लम्बवत दूर

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Answered by muskan4084Verma
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Answer:

जड़त्व आघूर्ण -

जड़त्व आघूर्ण को किसी घूर्णन अक्ष के संदर्भ में परिभाषित किया जा सकता है।

जड़त्व आघूर्ण को kgm square मैं व्यक्त किया जाता है।

एक दृढ़ पिंड का जड़त्व आघूर्ण-

I = MK2

यहां M वस्तु का द्रव्यमान है, और K वस्तु की परिभ्रमण त्रिज्या है।

किसी अक्ष के गिर्द एक वस्तु का जड़त्व आघूर्ण उस अक्ष के चतुर्दिक द्रव्यमान के वितरण पर निर्भर करता है, यदि द्रव्यमान का वितरण परिवर्तित होता है तो उसका जड़त्व आघूर्ण भी बदल जाएगा।

परिभ्रमण त्रिज्या

परिभ्रमण त्रिज्या घूर्णन अक्ष से वह दूरी है जिस पर समस्त पिंड के द्रव्यमान को रखा हुआ माना जा सकता है।

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