जातिवाचक संज्ञा पहचानिए।
राम
नदी
लखनऊ
Answers
|| उत्तर ||
नदी जातिवाचक संज्ञा है |
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संज्ञा के बारे में कुछ और जाने :-
किसी वस्तु, प्राणी, भाव, स्थान व अवस्था के नाम का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं |
जैसे :- गीता पढ़ रही है |
संज्ञा के तीन भेद होते हैं |
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा :- संज्ञा शब्द से किसी एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध होता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं |
जैसे :- जयपुर, रामायण, गंगा, सुरेश, कमल, सीता आदि |
2. जातिवाचक संज्ञा :- जब कोई संज्ञा शब्द एक ही प्रकार के सभी प्राणियों वस्तु व स्थानों का बोध कराता है तो उससे जातिवाचक संज्ञा करते हैं |
जैसे :- नगर, नदी, देश, बालक, पुस्तक आदि |
3. भाववाचक संज्ञा :- दशा, व्यापार या भाव का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा है कहलाते हैं |
जैसे :- चौड़ाई, ऊंचाई, बुढ़ापा, मिठास, बचपन, लघुता आदि |
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प्रश्न:-
- जातिवाचक संज्ञा पहचानिए।
- राम
- नदी
- लखनऊ
उत्तर:-
नदी जातिवाचक संज्ञा है I
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अधिक जानकारी:-
संज्ञा:
किसी प्राणी वस्तु, स्थान, और मन के भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं I
उपरोक्त शब्दों को एक बार पूर्ण ध्यान से पढ़े दो पता चलेगा कि कुछ नाम तो ऐसे हैं जो एक तरह के समस्त प्राणियों, वस्तुओं या स्थानों का ज्ञान कराते हैं I कुछ ऐसे शब्द है दिल से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या खान का ज्ञान होता है और कुछ ऐसे नाम है जिनसे पता लगने वाले अर्थ को हम अनुभव कर सकते हैं, लेकिन देख लिया छू नहीं सकते इस प्रकार नाम अर्थात संख्या 5 तरह की होती है:
1. जातिवाचक- एक जाति या प्रकार के समस्त प्राणियों, वस्तुओं या स्थानों का ज्ञान कराने वाले संज्ञा जातिवाचक कहलाती है I यथा= आदमी घोड़ा, केला, चक्की, हवाई जहाज, नगर, घर I
2. व्यक्तिवाचक- किसी विशेष आदमी, स्थान या वस्तु का ज्ञान कराने वाली संज्ञा व्यक्तिवाचक कहलाती है I यथा= जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, दिल्ली, मुंबई I
3. भाववाचक- मन के भाव, कार्य या ऐसे गुण का ज्ञान जिन्हें हम अनुभव कर सकते हैं लेकिन दे क्या छू नहीं सकते, भाववाचक संज्ञा कहते हैं I यथा= मित्रता, प्रेम बचपन, पिटाई I
4. द्रव्यवाचक- बहने वाली या ठोस धातुओं के नाम को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं I यथा- तेल, पेट्रोल, सोना, लोहा आदि I
5. समुदायवाचक- व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह को समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं I यथा= सभा, कक्षा, गुच्छा, सेना आदि I
सर्वनाम:
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं I
सर्वनाम के भेद:
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. संबंधवाचक सर्वनाम
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
बोलने वाला अपने लिए, सुनने वाले के लिए तथा किसी अन्य व्यक्ति के लिए जिन सर्वनाम का प्रयोग करें, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं I
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन प्रकार है:
उत्तम पुरुष (मैं, हम)
मध्यम पुरुष तु, तुम, आप)
अन्य पुरुष (वह, वे, यह )
उत्तम पुरुष:
जिन सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुष कहते हैं I
मध्यम पुरुष:
जिन सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला सुनने वाले के लिए करता है? उन्हें मध्यम पुरुष कहते हैं I
अन्य पुरुष::
जेल सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला अन्य व्यक्तियों के लिए करता है उन्हेंअन्य पुरुष कहते हैं I
2. निश्चयवाचक सर्वनाम:
जिन सर्वनाम से निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध हो, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं I
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम:
जिन सर्वनाम किसी निश्चित वस्तु या प्राणी के बदले प्रयुक्त ना होकर और निश्चित व्यक्ति या वस्तु के लिए प्रयुक्त किया जाए, वह अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाता है I
4. संबंधवाचक सर्वनाम:
जो सर्वनाम शब्द से वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम शब्द से संबंध बनाता है, वह संबंध सर्वनाम के लाता है I
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम:
जो सर्वनाम पद प्रश्नवाचक शब्द के रूप में किसी संज्ञा शब्द के बदले प्रयोग में लाया गया हो, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं I
6. निजवाचक सर्वनाम:
जो सर्वनाम 'निज' या अपने आप के लिए प्रयुक्त हो, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं I
क्रिया:
वाक्य के जिस शब्द से हमें किसी कार्य को करने का बोध हो, उसे क्या कहते हैं I