Hindi, asked by Mansisinghrajput, 4 months ago

जिंदीगे में अब कोई ऐसा नहीं रहा जिसने जिंदिगे भर साथ देने का बढ़ करके साथ दिया हो सिवाए मेरे मम्मी पापा के​

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Answered by lavairis504qjio
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Explanation:

इज्जत भी मिलेगी तुम्हे दौलत भी मिलेगी, खिदमत करो माँ-बाप की जन्नत भी मिलेगी।

कहते है पहला प्यार भुलाया नहीं जाता, फिर पता नहीं लोग अपने माँ-बाप का प्यार क्यों भूल जाते हैं।

ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते है, इस जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं।

पता नहीं क्या जादू है मेरी माँ के पैरों में जितना झुकता हूँ उतना ही ऊपर जाता हूँ।

अपने माँ-बाप को कभी मत रुलाओ, उनके सपनों को कभी मत सुलाओं, जितना तुम अपने माता-पिता को खुश रखोगे उतना ही रब आपको खुश रखेगा।

माँ तेरे दूध का हक़ मुझसे अदा क्या होगा, तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा।

इस दुनिया में केवल माँ-बाप ही आपसे बिना स्वार्थ के प्यार करते हैं।

न जाने कैसे पत्थर की मूर्ति के लिए अपने घर में जगहा बना लेते है वो लोग जिनके घर में माँ-बाप के लिए कोई जगहा नहीं होती है।

जिस घर में माँ-बाप की कदर नहीं होती, उस घर में कभी बरकत नहीं होती।

फुल कभी दोबारा नहीं खिलते, जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते, मिलते है लोग हजारों पर हजारों गलितियाँ माफ करने वाले माँ-बाप दोबारा नहीं मिलते।

मुझे किसी और जन्नत का नहीं पता क्योंकि मैं माँ के क़दमों को ही जन्नत कहता हूँ।

माँ-बाप का दिल जीत लो कामयाब हो जाओगे वरना सारी दुनिया जीत कर भी हार जाओगे।

माँ-बाप का दिल दुखाकर आज तक कोई सुखी नहीं हुआ।

जिस दिन तुम्हारे कारण माँ-बाप की आँखों में आसूँ आ गए, उस दिन तुम्हारा किया सारा धर्म-कर्म आंसुओं में बह जाएगा।

माँ और बाप ऐसे होते है जिनके होने का एहसास कभी नहीं होता है लेकिन न होने का एहसास बहुत होता है।

एक अच्छी माँ तो हर बेटे के पास होती है लेकिन एक अच्छा बेटा हर एक माँ के पास नहीं होता।

ईश्वर न दिखाई देने वाले माता-पिता होते है लेकिन माँ-बाप दिखाई देने वाले ईश्वर है।

नफरत है मुझे हर उस इंसान से जो छोटी-छोटी बात में अपनी माँ की कसम खा कर उसे दाव पे लगा देते है।

कुछ पल बैठा करो माँ-बाप के पास हर चीज नहीं मिलती मोबाइल के पास।

जिंदगी में जादू बहुत देखे है पर यकीं मानिए बीमार होने पर माँ का नजर उतारने वाला जादू सबसे ज्यादा हुआ।

किसी ने कहा है की अच्छे कर्म करने से मरने के बाद स्वर्ग मिलेगा और मैं कहता हूँ की माँ की सेवा करोगे तो जीते जी जन्नत मिलेगी।

तूने जब धरती पर साँस ली तेरे माँ-बाप तेरे साथ थे, माता-पिता जब अंतिम साँस ले तब तू भी उनके साथ रहना।

माँ-बाप की एक दुआ जिंदगी बना देगी, खुद रोएगी मगर आपको हँसा देगी, कभी भूल कर भी माँ को मत रुलाना, आँसू की एक बूँद पूरी धरती डूबा देगी।

जिंदगी में ऊपर वाले से इतना जरूर मांग लेना की माँ के बिना कोई घर न हो और कोई माँ बेघर ना हो।

करो दिल से सजदा तो इबादत बनेगी, माँ-बाप की सेवा अमानत बनेगी, खुलेगा जब तुम्हारे गुनाहों का खाता, तो माँ-बाप की सेवा जमानत बनेगी।

जिस घर में माँ-बाप हँसते है उस घर में ईश्वर बसते है।

जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, पिता जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो, माँ जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो।

नींद अपनी भुला के सुलाया हमको, आँसू अपने गिरा के हँसाया हमको, दर्द कभी मत देना उन हस्तियों को, ईश्वर ने माँ-बाप बनाया जिनको।

माँ-बाप के पास बैठने के दो फायदे है, आप कभी बड़े नहीं होते और माँ-बाप कभी बूढ़े नहीं होते।

मंजिल दूर और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है, मार डालती ये दुनिया कब की हमें लेकिन "माँ" की दुआओं में असर बहुत है।

माँ रोती थी जब रोटी नहीं खाता था बेटा, माँ आज भी रोती है जब रोटी नहीं देता है बेटा।

गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ-बाप की करते है वरना दुनिया के लिए तो हम कल भी बादशाह थे और आज भी।

जिस माँ-बाप ने हमें बोलना सिखाया आज हम उसे ही चुप करा देते हैं।

सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर याद रखना की बस माँ-बाप नहीं मिलते, मुरझा के जो गिर जाये एक बार डाली से ये ऐसे फुल है जो फिर नहीं खिलते।

दम तोड़ देती है माँ-बाप की ममता जब बच्चे कहते है की तुमने हमारे लिए किया ही क्या है।

किसी भी मुश्किल का अब हल नहीं मिलता शायद अब घर से कोई माँ के पैर छुकर नहीं निकलता।

माँ-बाप उम्र से नहीं फिकर से बूढ़े होते है।

चाहे लाख करो तुम पूजा और तीर्थ कर हजार, मगर माँ-बाप को ठुकराया तो सबकुछ है बेकार।

रिश्ते निभाकर ये जान लिया हमने माँ-बाप के सिवा कोई अपना नहीं होता।

माँ-बाप हमें बचपन में शहजादों की तरह पालते है तो हमारा भी फर्ज बनता है की बुढ़ापे में हम उन्हें बादशाहों की तरह रखें।

माँ-बाप की तकलीफों को कभी नजरअंदाज मत करना, जब ये बिछड़ जाते है तो रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती।

माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगाना असंभव है।

लोग माता-पिता की नसीहत तो भूल जाते है लेकिन वसीहत नहीं भूलते।

Answered by manojsinghnld366
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Answer:

kuch log aate hi h jindagi me dard dene ke lia

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