जिंदगी बड़ी होनी चाहिए; लंबी नहीं।’
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए 22 वर्षीय कैप्टन कपिल कुंडू अपना 23वां जन्मदिन मनाने के लिए घर आने वाले थे। देश के लिए शहीद होने वाले कैप्टन कुंडू आने वाली 10 फरवरी को 23 साल के हो जाते। गुड़गांव जिले में पटौदी के निकट रंसिका गांव में कैप्टन के घर वाले उनके छुट्टियों पर आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें अपने बच्चे के शहीद होने की खबर मिली।
अपने बच्चे के मरने की खबर सुनकर मां सुनीता बेजार हो गईं। हालांकि वे दुख के सागर में डूबी हुई हैं, फिर भी आंसू पीते हुए उन्होंने कहा कि 'मेरे बेटे को एडवेंजर से भरा जीवन पसंद था।' कैप्टन की मौत से पूरे गांव में सन्नाटा-सा पसर गया है। पाकिस्तान की ओर से कल राजौरी में नियंत्रण रेखा पर हुई भारी गोलाबारी में कुंडू के अलावा सेना के तीन अन्य जवान भी शहीद हुए हैं।
कुंडू की मां ने कहा कि कपिल 10 फरवरी को अपने जन्मदिन पर घर आने वाला था। वह हमेशा मुझे सरप्राइज देता, अपने आने की खबर पहले सिर्फ बहनों को देता था। वह बहनों के साथ सबकुछ साझा करता था। सुनीता ने बताया कि कैप्टन कुंडू पिछली बार नवंबर, 2017 में ही घर आए थे।
कैप्टन के परिवार का कहना है कि वह अच्छी जिंदगी में यकीन रखने वाले व्यक्ति थे, लंबी जिंदगी में नहीं। उनकी मां का कहना है, ''उसे एडवेंजर भरी जिंदगी पसंद थी, उसे प्रकृति से प्यार था। वह महान देशभक्त था। वह देश के लिए अपनी भावनाएं दर्शाने के लिए कविताएं लिखता था। वह हमेशा कहता था कि मेरा देश सबसे ऊपर है। अपने भाई के बारे में बात करते-करते कैप्टन कुंडू की बहन बार-बार रोईं।