जीवो के अंगों एवं अंग तंत्रों के कार्यों का समन्वय एवं नियंत्रण क्यों जरूरी होता है?
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पादप हार्मोन, जिन्हें फाइटोहार्मोन भी कहते हैं, रसायन होते हैं जो पौधों के विकास को विनियमित करते हैं। पादप हार्मोन, संकेत अणु होते है और बहुत कम परिमाण में इनका उत्पादन पौधों में ही होता है। हार्मोन, स्थानीय रूप से लक्षित कोशिकाओं में कोशिकीय प्रक्रियाओं को विनियमित करते हैं और जब यह पौधे में दूसरे स्थानों पर पहुँचते हैं तो वहाँ कि कोशिकीय प्रक्रियाओं को विनियमित करते हैं। पौधों में जानवरों की तरह हार्मोन के उत्पादन और स्रावण के लिए ग्रंथियों नहीं होतीं। पादप हार्मोन, पौधे को निश्चित आकार देने के साथ, बीज विकास, पुष्पण का समय, फूलों के लिंग, पत्तियों और फलों के वार्धक्य (बुढा़पा) के लिए उत्तरदायी होते हैं।
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पादप हार्मोन, जिन्हें फाइटोहार्मोन भी कहते हैं, रसायन होते हैं जो पौधों के विकास को विनियमित करते हैं। पादप हार्मोन, संकेत अणु होते है और बहुत कम परिमाण में इनका उत्पादन पौधों में ही होता है। हार्मोन, स्थानीय रूप से लक्षित कोशिकाओं में कोशिकीय प्रक्रियाओं को विनियमित करते हैं और जब यह पौधे में दूसरे स्थानों पर पहुँचते हैं तो वहाँ कि कोशिकीय प्रक्रियाओं को विनियमित करते हैं। पौधों में जानवरों की तरह हार्मोन के उत्पादन और स्रावण के लिए ग्रंथियों नहीं होतीं। पादप हार्मोन, पौधे को निश्चित आकार देने के साथ, बीज विकास, पुष्पण का समय, फूलों के लिंग, पत्तियों और फलों के वार्धक्य (बुढा़पा) के लिए उत्तरदायी होते हैं।