जीव के मध्य में विविधता की सृष्टि में मियोसिस की भूमिका का उल्लेख करो ।
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जीव के मध्य में विविधता की सृष्टि में मियोसिस की भूमिका का उल्लेख....
मियोसिस यानी अर्धसूत्री विभाजन एक विशेष तरह का कोशिका विभाजन होता है। यह कोशिका विभाजन जीवों की जनन कोशिकाओं में होता है। इस तरह के विभाजन से जो युग्मक बनते हैं, उनमें क्रमिक रूप से दो तरह के कोशिका विभाजन होते हैं। इनमें गुणसूत्रों की प्रतिलिपि सिर्फ एक बार ही बनती है, इसलिए इस तरह के युवकों में गुणसूत्र की संख्या का कायिक कोशिकाओं की तुलना में अधिक होती है। कोशिका विभाजन के दो उप चरण होते हैं जो सिर्फ मियोसिस - 1 और मियोसिस - 2 में विभाजित होते हैं। मियोसिस - 1 के भी चार उप-चरण होते हैं जो कि प्रोफेज -1, मेटाफेज -2 एनाफेज -3 और टीलोफेज - 4 में विभाजित होता है तथा मियोसिस - 2 भी चार उप-चरणों प्रोफेज -2, मेटाफेज -2, एनाफेज -3 और टीलोफेज -4 में विभाजित होता है।
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