जीव कोश से आप क्या समझते हैं
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Answer:
cell is the structure and function unit of living organisms
Answer:
प्राणमय कोश सभी भौतिक जीवों की मूल ऊर्जा है। यदि अपने प्राण या ऊर्जा पर आपका अधिकार है, तो इसका असर सिर्फ आपके जीवन और स्वास्थ्य पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि अपने आस-पास की स्थितियों पर भी आपका अधिकार होगा। जीवन की प्रक्रिया ही अपने आप में एक बड़ा चमत्कार है।
Explanation:
योग विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर की पांच परतें होतीं हैं। अन्नमय, मनोमय, प्राणमय, विज्ञानमय और आनंदमय कोष। जानते हैं कि कैसे प्राणमय कोष को संतुलित करके हम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पा सकते हैं।
जिस तरह हमारा भौतिक शरीर होता है, एक मानसिक शरीर भी होता है। शरीर की हर कोशिका की अपनी बुद्धिमत्ता होती है, इसलिए एक पूरा मानसिक शरीर ही होता है।आप जो भी करते हैं, आप पर कोई दबाव नहीं होता क्योंकि हर काम सही होता है। अगर आप लगातार कई दिनों तक, दिन में चौबीस घंटे भी काम करें, तो भी आप के ऊपर कोई तनाव या दबाव नहीं होता। यदि आप मेरी नाड़ी देखें, तो अक्सर भूखे पेट होने पर वह चालीस के नीचे होती है। भोजन के बाद, वह बयालीस से पैंतालीस के बीच होती है। अगर मैं शारीरिक रूप से सक्रिय रहूं, तो वह पचास, चौवन तक पहुंच जाती है। केवल दौड़ कर सीढ़ियां चढ़ने या ऐसा कोई काम करने पर, वह उससे अधिक जाएगी। जब शरीर इस तरह होता है, तो ऐसा लगता है मानो आप हर समय एक गहरी नींद में हैं, फिर भी पूरे जाग्रत हैं। शरीर को इस तरह बनाने के बाद तनाव जैसी कोई चीज नहीं होती। यदि इन तीन आयामों, भौतिक शरीर, मानसिक शरीर और ऊर्जा शरीर को एक खास सीध में रखा जाए, तो उससे गहरा एक आयाम अपने आप काम करने लगता है। वह आयाम सृष्टि का स्रोत है।