Science, asked by kavitakumari389, 10 months ago

जैविक तथा अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं?​

Answers

Answered by BRAINLYARMY001
7

Answer:

hii

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Explanation:

जैविक कारक – जैसे कीट, नेमेटोड, केंचुआ व अन्य जीवाणु इत्यादि सभी जैविक कारक में आते हैं। ये फसलों के उत्पादन में भी सहायता करते हैं, जैसे- फलीदार पौधों की जड़ों में पाए जाने वाले जीवाणु जो वायुमण्डले की नाइट्रोजन से यौगिक बनाते हैं, केंचुआ भी मिट्टी को पोली (सरन्ध्र व नरम) बनाकर उपजाऊ बनाता है जिससे फसल उत्पादन बढ़ता है परन्तु कुछ कीट व नेमेटोड फसल उत्पादन को कम करते हैं। (UPBoardSolutions.com) अतः हमें इन परिस्थितियों को सहन करने वाली किस्में प्रयोग करनी चाहिए जैसे कम परिपक्व काल वाली फसलें आर्थिक दृष्टि से अच्छी होती हैं।

अजैविक कारक – जैसे वायु, तापमान, मिट्टी, जल इत्यादि अजैविके कारक में गिने जाते हैं। भूमि की अम्लीयता या क्षारकता, गर्मी, ठण्ड तथा पाला इत्यादि फसल उत्पादन को कम करते हैं। अतः हमें ऐसी फसलों को उपयोग करना चाहिए जो इन सभी परिस्थितियों को अच्छी प्रकार सहन कर सकें। इसके लिए मिश्रित फसलें वे अन्तर-फसली विधियाँ अपनानी चाहिए।

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Answered by parveen639
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जैविक कारक – जैसे कीट, नेमेटोड, केंचुआ व अन्य जीवाणु इत्यादि सभी जैविक कारक में आते हैं। ये फसलों के उत्पादन में भी सहायता करते हैं, जैसे- फलीदार पौधों की जड़ों में पाए जाने वाले जीवाणु जो वायुमण्डले की नाइट्रोजन से यौगिक बनाते हैं, केंचुआ भी मिट्टी को पोली (सरन्ध्र व नरम) बनाकर उपजाऊ बनाता है जिससे फसल उत्पादन बढ़ता है परन्तु कुछ कीट व नेमेटोड फसल उत्पादन को कम करते हैं। (UPBoardSolutions.com) अतः हमें इन परिस्थितियों को सहन करने वाली किस्में प्रयोग करनी चाहिए जैसे कम परिपक्व काल वाली फसलें आर्थिक दृष्टि से अच्छी होती हैं।

अजैविक कारक – जैसे वायु, तापमान, मिट्टी, जल इत्यादि अजैविके कारक में गिने जाते हैं। भूमि की अम्लीयता या क्षारकता, गर्मी, ठण्ड तथा पाला इत्यादि फसल उत्पादन को कम करते हैं। अतः हमें ऐसी फसलों को उपयोग करना चाहिए जो इन सभी परिस्थितियों को अच्छी प्रकार सहन कर सकें। इसके लिए मिश्रित फसलें वे अन्तर-फसली विधियाँ अपनानी चाहिए।

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