जीवाणु भोजी प्रजन्न केसे करते हैं
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बैक्टीरियोफेज कभी-कभी संक्रमण प्रक्रिया के दौरान अपने मेजबान कोशिकाओं के जीवाणु डीएनए के एक हिस्से को हटा देते हैं और फिर इस डीएनए को नए मेजबान कोशिकाओं के जीनोम में स्थानांतरित करते हैं। इस प्रक्रिया को पारगमन के रूप में जाना जाता है।
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बैक्टीरियोफेज कभी-कभी संक्रमण प्रक्रिया के दौरान अपने मेजबान कोशिकाओं के जीवाणु डीएनए के एक हिस्से को हटा देते हैं और फिर इस डीएनए को नए मेजबान कोशिकाओं के जीनोम में स्थानांतरित करते हैं। इस प्रक्रिया को पारगमन के रूप में जाना जाता है।
इसकी खोज फ्रेडरिक डब्लू ट्वोर्ट ने १९९५ में की थी। हालांकि, 1896 में ही अर्नेस्ट हनबरी हैंकिन ने बताया था कि भारत में गंगा और यमुना नदियों के जल में कुछ हैजा के खिलाफ एक जीवाणुरोधी क्रिया थी और यह एक बहुत ही बारिक फिल्टर से भी गुज़र सकता थी।