जैव विविधता संरक्षण के लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू संरक्षण रणनीतियों के बारे में बताए?
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स बात से शायद ही कोई इन्कार करेगा कि जैव विविधता का सरंक्षण आज के समय की मांग है। पर इस बात पर कोई एकमत नहीं है कि इसे कैसे किया जाए।
मूल रूप से संरक्षण क्रियाएं दो प्रकार की हो सकती हैं - ‘इन-सीटू’ एवं ‘एक्स-सीटू’ संरक्षण। इन-सीटू से तात्पर्य है, ”इसके वास्तविक स्थान पर या इसके उत्पत्ति के स्थान तक सीमित।“ इन-सीटू संरक्षण का एक उदाहरण आरक्षित या सुरक्षित क्षेत्रों का गठन करना है। एक्स-सीटू संरक्षण की कोशिश का उदाहरण एक जर्मप्लाज्म बैंक या बीज बैंक की स्थापना करना है।
संरक्षण योजना की दृष्टि से इन-सीटू संरक्षण प्रयासों को बेहतर माना जाता है। परन्तु कई बार इस प्रकार का संरक्षण कार्य किया जाना संभव नहीं होता है। उदाहरण के लिए यदि किसी प्रजाति का प्राकृतिक आवास पूरी तरह नष्ट हो गया हो तो एक्स-सीटू संरक्षण प्रयास, जैसे एक प्रजनन चिडि़याघर का गठन, अधिक आसान होगा। वास्तव में एक्स-सीटू संरक्षण इन-सीटू संरक्षण को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।
तो, क्या सब कुछ समाप्त हो चुका है? या हमारे पास अभी भी जैव विविधता को बनाए रखने के लिए एक मौका बाकी है। इस विषय की शुरूआत करने के लिए इस दिशा में इन्सानी कोशिशों को देखना बेहतर होगा।