Hindi, asked by vershikhar214, 2 months ago

'जीवन एक संघर्ष है' - विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए |​

Answers

Answered by nkachhap846gmailcom
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Explanation:

संघर्ष का दूसरा नाम है-जीवन। ये एक प्रकार से पर्यायवाची हैं और एक-दूसरे के पूरक भी। जीना तो उसी का है, जिसने जीवन के सूत्र को समझ लिया, भयंकर से भयंकर और विपरीत स्थिति पर विजय पाने का एक ही रास्ता है पूरे आत्मविश्वास के साथ बाधा-विरोधों से जूझ जाना, संघर्ष करना; जो संघर्ष से बचकर चले, वह कायर है। संसार रूपी सागर की ऊँची-उफनती लहरों को जिसने चुनौती देना सीख लिया है, सफलता की अनुपम-मणियाँ उसी ने बटोरी हैं। जो डर कर किनारे बैठ गया, वह तो जीवन का दाव ही हार गया। कबीर ने इसी भाव को इस तरह कहा है-

‘जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ।’ यह ‘गहरे पानी’ पैठकर खोजना क्या है? यही संघर्ष अथवा चुनौती को स्वीकारना है, कर्म की आँच में तपना है। यही ‘गीता’ का भी अमर संदेश है कि ‘कर्म करना ही मनष्य का अधिकार है और धर्म भी’। जीवन-पथ सफलता मिले या विफलता, संघर्ष करने का संकल्प शिथिल नहीं पड़ना चाहिए। एक कवि के शब्दों में :

जब नाव जल में छोड़ दी, तूफ़ान में ही मोड़ दी,

दे दी चुनौती सिंधु को, तो पार क्या, मझधार क्या।

जिसमें अपने उसूलों पर अटल रहने की दृढ़ता है, जिसका संकल्प सच्चा है, वही जीवन के संघर्ष में विजयी होता है। जीवन में विपत्तियाँ सभी को सहनी पड़ती हैं। जीवन में भले ही कितने संकट आए, परंतु जो व्यक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं होता, जो कष्टों का साहस से सामना करता है, जो यह मानता है कि कर्म ही जीवन है और यह मानकर सदा कर्म, प्रयत्न, परिश्रम, साहस और उद्योग में लगा रहता है, वस्तुतः उसी मनुष्य का जीवन सफल होता है।

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