"जीवन है अनमोल तो क्यों करें यातायात नियमों से खेल विषय पर अनुच्छेद लिखिए (120-150) शब्द
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सामाजिक एवं औद्योगिक विकास के साथ–साथ हमने परिवहन के भी अनेक साधन विकसित किए, जिनमें से सड़क यातायात सबसे प्रमुख साधन है। इस महत्त्वपूर्ण साधन को सुचारु और सुरक्षित रूप से चलाने के लिए विभिन्न नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है; क्योंकि ये नियम सभी नागरिकों की भलाई के उद्देश्य से बनाए गए हैं। यातायात के नियम पालन करने से यात्रा सुखद और सुरक्षित हो जाती है।
सामाजिक एवं औद्योगिक विकास के साथ–साथ हमने परिवहन के भी अनेक साधन विकसित किए, जिनमें से सड़क यातायात सबसे प्रमुख साधन है। इस महत्त्वपूर्ण साधन को सुचारु और सुरक्षित रूप से चलाने के लिए विभिन्न नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है; क्योंकि ये नियम सभी नागरिकों की भलाई के उद्देश्य से बनाए गए हैं। यातायात के नियम पालन करने से यात्रा सुखद और सुरक्षित हो जाती है।यदि हम इनका उल्लंघन करते हैं तो किसी दुर्घटना का शिकार हम स्वयं भी हो सकते हैं और हमारे कारण कोई दूसरा भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। वर्तमान में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ निरन्तर बढ़ता जा रहा है। प्रतिदिन समाचार–पत्रों के पृष्ठ ऐसी दुर्घटनाओं की सूचनाओं से भरे रहते हैं। जो हृदय को द्रवित कर जाते हैं। ऐसे में सुरक्षित यातायात के विषय में जानना एवं उसके नियमों का पालन करना अनिवार्य हो जाता है।
Explanation:
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सुरक्षित यातायात के नियम–भारत में सुरक्षित यातायात के मुख्य नियम निम्नलिखित हैं-
(i) बायीं ओर चलें–देश के यातायात का प्रमुख नियम है–बायीं ओर चलना। बायीं ओर चलने से व्यक्ति सुरक्षित अपने गन्तव्य तक पहुँच जाता है। पाकिस्तान, इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, बाँग्लादेश, श्रीलंका आदि अनेक देशों में भारत की तरह बायीं ओर चलने का नियम है, जबकि जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, रूस तथा चीन आदि देशों में दायीं ओर चलने का नियम है।
(ii) हैलमेट का प्रयोग करें–दो पहिया वाहनों–स्कूटर, मोटर साइकिल आदि को चलाते समय तथा उस पर पीछे बैठते समय हैलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। हैलमेट द्वारा दुर्घटना के समय सिर की सुरक्षा होती है, यह सिर को गम्भीर चोट से बचाता है।
(iii) निर्धारित गतिसीमा का पालन–सड़क पर सुरक्षित यातायात के लिए वाहनों की अधिकतम गति–सीमा का निर्धारण किया गया है। साधारणत: सड़क पर वाहनों की 40 किमी प्रति घण्टे की गति को आदर्श माना जाता है। गति–सीमा का यह निर्धारण मार्गों की दशा के अनुसार अलग–अलग होता है। प्रायः राजमार्गों पर साधारण से अधिक गति–सीमा निर्धारित होती है, जबकि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में गति–सीमा साधारण गति से भी कम हो जाती है। अधिकतर दुर्घटनाएँ तीव्रगति से वाहन चलाने के कारण ही होती हैं। इसलिए सभी को निर्धारित गति–सीमा का पालन करना चाहिए।