जीवन का आरंभ जैसे शैशव है वैसे ही कला गीत का ग्राम गीत है लेखक के इस कथन का क्या आशय है
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O जीवन का आरंभ जैसे शैशव है वैसे ही कला गीत का ग्राम गीत है लेखक के इस कथन का क्या आशय है।
►जीवन का आरंभ जैसे शैशव है, वैसे ही कला-गीत का ग्राम-गीत है। इस कथन से लेखक का आशय यह है कि ग्राम गीत एक प्रतीक कवित्व है, जो कर्म या पीड़ा के तल पर रचा जाता है। गीत का उपयोग जहां जीवन के अत्यंत कठिन दुविधाओं के समाधान के लिए होता है, वही ये हमें जीवन के तनाव के क्षणों में राहत भी प्रदान करते हैं। लेखक ने दार्शनिक भाव से ग्रामगीतों का महत्व बताने की चेष्टा की है।
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