Hindi, asked by mamtagupta63, 9 months ago

जीवन का झरना का
सारांश​

Answers

Answered by PeepingMoon
9

Answer:

जीवन गतिशील है नदियों की धारा की तरह जो कभी थमता नहीं है। बस बहता रहता है।

सुख और दुःख आते और जाते रहते हैं। इसलिए कवि ने जीवन को निर्झर कहा है।

सुख और दुःख के तीर को झेलते हुए हर मनुष्य जीवन में आगे बढ़ता है।

सुख कभी टिकता नहीं और दुख कभी भी रूकता नहीं।

इन दोनों का आना और जाना लगा ही रहता है।

निर्झर को अनेक बाधाओं का मार्ग में सामना करना पड़ता है।

जीवन के निर्झर और पहाड़ों के निर्झर में बहुत अंतर है।

जीवन में तकलीफ तो आती ही है सभी के जीवन में। मगर उन तकलीफ को झेलने की जगह जो रूक जाते हैं। वह हमेशा रोते हैं।

झरने के समान ही मनुष्य का जीवन भी होता है। जो जब तक चलते हैं। जीवित है और जहां थम ग ए वह मृत ।

Explanation:

HOPE IT HELPS

PLEASE MARK AS BRAINLIEST

PLEASE FOLLOW ME DEAR FRIEND

PLEASE

HAVE A GREAT DAY DEAR

Answered by kawaderutuja8
5

Answer:

जीवन का झरना शीर्षक कविता का भावार्थ प्रस्तुत करें

जीवन गतिशील है नदियों की धारा की तरह जो कभी थमता नहीं है। ... इसलिए कवि ने जीवन को निर्झर कहा है। सुख और दुःख के तीर को झेलते हुए हर मनुष्य जीवन में आगे बढ़ता है। सुख कभी टिकता नहीं और दुख कभी भी रूकता नहीं।

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