Hindi, asked by mdaadil0601, 1 year ago

जीवन का झरना शीर्षक कविता का भावार्थ प्रस्तुत करें

Answers

Answered by mchatterjee
147
जीवन गतिशील है नदियों की धारा की तरह जो कभी थमता नहीं है। बस बहता रहता है।

सुख और दुःख आते और जाते रहते हैं। इसलिए कवि ने जीवन को निर्झर कहा है।

सुख और दुःख के तीर को झेलते हुए हर मनुष्य जीवन में आगे बढ़ता है।

सुख कभी टिकता नहीं और दुख कभी भी रूकता नहीं।

इन दोनों का आना और जाना लगा ही रहता है।

निर्झर को अनेक बाधाओं का मार्ग में सामना करना पड़ता है।

जीवन के निर्झर और पहाड़ों के निर्झर में बहुत अंतर है।

जीवन में तकलीफ तो आती ही है सभी के जीवन में। मगर उन तकलीफ को झेलने की जगह जो रूक जाते हैं। वह हमेशा रोते हैं।

झरने के समान ही मनुष्य का जीवन भी होता है। जो जब तक चलते हैं। जीवित है और जहां थम ग ए वह मृत ।
Answered by pandeysakshi2003
35

please make me brainlist

Attachments:
Similar questions