Hindi, asked by ridinpradeep399, 7 days ago

जीवन को कर्मक्षेत्र क्यों कहा गया है
क) कर्म करने के लिए हमें जीवन मिला है
ख) ख) कर्म और कठिनाइयाँ हमारे शत्रु है
ग) हमें विजयी बनना है
घ) कर्म एवं जीवन एक दूसरे का पर्यायवाची है​

Answers

Answered by CreepycCreeperBoom
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Answer:

Option B IS The correct answer, pl mark as brainliest.

Answered by dreamrob
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जीवन को कर्मक्षेत्र कहा गया है - कर्म एवं जीवन एक दूसरे का पर्यायवाची है ( घ, सटीक उत्तर हे)

  • जीवन के इस कर्म-क्षेत्र में, पग-पग बाधाएं आएँगी दुःख-सन्ताप की आँधी, दर्द भरी तूफ़ानें लाएँगी ।।
  • तन्हाई का चोट, अकेलापन तुझे सताएगा और ढूंढने पर तू दूर-दूर तक, न अपना कोई पाएगा ।।
  • इस राह में पग-पग कांटे हैं, किन-किन से बच पाओगे एक चुनौती पार करोगे, दूजे से टकराओगे ।।
  • इस राह में कोई सगा नहीं, न ही है कोई अपना इस राह पे चलकर टूटेगा, तेरा कितना ही सपना ।।
  • इस राह में इतना कष्ट है कि तू सोच सोच घबराएगा पर क्या इतनी सी बातों से, तेरा दिल डर जाएगा ।।
  • सोच को कर तू पत्थर, औ हृदय को कर पाषाण इस राह पे चलते चलते न, विचलित हो तेरा ध्यान ।।
  • चाहे धूप सुखाने वाली, ऊपर से क्यों न आए चाहे कितने चट्टानों से, तेरा सिर टकराए ।।
  • चाहे रात अंधेरी, तुझको बार बार डराए । फैले कांटे चाहे तेरे पग, क्षत-विक्षत कर जाए ।।
  • भूख-प्यास कितना भी, तेरा पथ क्यों न भटकाए चाहे मौत का ख़ौफ़ ही तेरी, नींद उड़ा ले जाए ।।
  • चाहे कितनी आँधी, तेरा सीना चीड़ के जाए चाहे कितनी तूफ़ान, तेरी मंज़िल धुंधली कर जाए ।।

एई था, जीवन को कर्मक्षेत्र कहा गया है - कर्म एवं जीवन एक दूसरे का पर्यायवाची है

#SPJ3

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