जीवन की कठिन डगर में हम अपनी रा कैसे ढूंढ सकते हैं
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Answer:
jivan ki kathin dager mai hum apni raa es prakar dhund sakte hai
Explanation:
जब आप जीवन की किसी कठिन परिस्थिति में फंसे होते हैं, तो आप उस से पार पाने के लिए कौन-सा उपाय अपनाते हैं, जिसे अपनाकर दूसरे भी अपनी समस्या से पार पा सकें?*
जी यदि में इसे अपने पर लेकर देखता हूँ तो सबसे पहले खुद को तसल्ली दिलाने के लिए ये सोचता हूँ:-
भगवान ने ये जो यह विकट परिस्थिति दी है, क्या इस दुनिया मे में एक इकलौता आदमी हूँ, जिसे इस कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है?
ऐसे में में हर बार गलत साबित होकर खुश होता हूँ के चलो मालिक ने इतना तो नही करा है के कोई नई समस्या या कठिनाई मुझे आयी है!
हम जब इसे वास्तविकता में देखे तो हमारे से पहले भी कई लोग ऐसे हुए जिन्होंने इन विकट परिस्थितियों में भी अपने पुरुषार्थ ओर सही सूझबूझ का उपयोग करके परिस्थिति को अपने अनुकूल बना दिया।।
यदि परिस्थिति आपके अनुकूल नहीं है तो बस उस अनुकूलता की प्रतीक्षा करो।
यदि समाधान है तो वह करो, ओर समाधान नही तो प्रभु पर छोड़ दो।।
रात्रि के बाद दिन और दिन के बाद रात्रि तो आती ही रहेगी, ये क्रम है संसार का, दु:ख और सुख आते-जाते ही रहेंगे, अत: दोनो परिस्थतियों में एक से रहो, जैसी परिस्थितियां जीवन में आयें उनका डटकर मुकाबला करो, उनसे घबराओ नहीं, जो परिस्थितियों से घबरा जाता है, वो मानव जीवन में कभी प्रगति नहीं कर सकता, निराश न होइये सफलता अवश्य मिलेगी।
हर जलते दीप के तले अंधेरा होता है।
हर अंधेरी रात के पीछे सवेरा होता है।।
लोग घबरा जाते हैं मुसीबतों को देखकर।
हर मुसीबतों के बाद खुशी का तराना आता है।।
तो प्रभु, कठिन परिस्थितियों से घबराना नहीं है, बस मुकाबला करो एक अच्छे व्यक्ति या भगवान को अपना आदर्श मानकर, तो सब सही हो जावेगा