जीवन का लƙ पाठ के आधार पर अपने जीवन का लƙ 10
बताते Šए एक िनबंध िलखŐ ।(150 to 200 Words)
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जल है तो कल है”, बावजूद इसके जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमुल्य संसाधन है जल, या यूं कहें कि यही सभी सजीवो के जीने का आधार है जल। धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।
नगरीकरण और औद्योगिकीरण की तीव्र गति व बढ़ता प्रदूषण तथा जनसंख्या में लगातार वृद्धि के साथ प्रत्येक व्यक्ति के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है, लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।
आगामी वर्षों में जल संकट की समस्या और अधिक विकराल हो जाएगी, ऐसा मानना है विश्व आर्थिक मंच का। इसी संस्था की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दुनियाभर में 75 प्रतिशत से ज्यादा लोग पानी की कमी की संकटों से जूझ रहे हैं। 22 मार्च को मनाया जाने वाला ‘विश्व जल दिवस’ महज औपचारिकता नहीं है, बल्कि जल संरक्षण का संकल्प लेकर अन्य लोगों को इस संदर्भ में जागरुक करने का एक दिन है।
शुद्ध पेयजल की अनुपलब्धता और संबंधित ढेरों समस्याओं को जानने के बावजूद देश की बड़ी आबादी जल संरक्षण के प्रति सचेत नहीं है। जहां लोगों को मुश्किल से पानी मिलता है, वहां लोग जल की महत्ता को समझ रहे हैं, लेकिन जिसे बिना किसी परेशानी के जल मिल रहा है, वे ही बेपरवाह नजर आ रहे हैं। आज भी शहरों में फर्श चमकाने, गाड़ी धोने और गैर-जरुरी कार्यों में पानी को निर्ममतापूर्वक बहाया जाता है।
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हर मनुष्य अपने जीवन का कुछ न कुछ लक्ष्य निर्धारित करता है जिसे वह प्राप्त करना चाहता है। मेरे जीवन का लक्ष्य एक अच्छा डॉक्टर बनना है और लोगों के प्राणों को बचाना है। मैं डॉक्टर बनकर गरीब और असहाय लोगों का मुफ्त में इलाज करना चाहता हूँ। मैं अपने गाँव में चिकित्सा की वो सभी सुविधाएँ लाना चाहता हूँ जिनसे मेरा गाँव अभी तक वंचित है और इन सुविधाओं की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी जान गँवा बैठते है या फिर इलाज के लिए उन्हें दुर जाना पड़ता है। मैं डॉक्टर बनकर हर हफ्ते लोगों के लिए मुफ्त में चैकप कैंप लगाना चाहता हूँ ताकि लोगों को समय से ही बिमारी का पता चल जाए और इलाज किया जा सके।
मैं डॉक्टर बनकर मरीजों के साथ प्यार ये बात करूँगा और उनका इलाज मुस्कुराते हुए करूँगा जिससे कि उनका हौंसला बढ़ सके और वह निराश न हो। मैं अपने मरीजों को एक अच्छा वातावरण देना चाहता हूँ और उनके प्राण बचाने का हर संभव प्रयास करूँगा। मैं एक विवेकशील, कुशल और आदर्श डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहता हूँ और यही मेरा जीवन का लक्ष्य है जिसे प्राप्त करने के लिए मैं कठिन मेहनत कर रहा हूँ।