Hindi, asked by udayverma6, 6 months ago

जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता है उनको प्राप्त करना ही शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। शिक्षा
मानव जीवन के लिए वैसे ही है जैसे संगमरमर के टुकड़े के लिए शिल्प कला।फलतःशिक्षा केवल ज्ञान दान ही नहीं करती अपितु
संस्कार और सुरुचि के अंकुरों का पोषण भी करती है वस्तुतः अपने को जीवित रखने के लिए अपने वातावरण तथा उसकी
सापेक्षता में निज को समझकर जीवन के अनुकूल कार्य को करना और प्रतिकूल का निवारण ही शिक्षा का उद्देश्य है ।शिक्षा मनुष्य
को संस्कारबद्ध कर उसे मानवीय गुणों से विभूषित करती है तथा साथ ही स्वाभिमान से जीना सिखाने में सहायता कर मनुष्य को
प्रगति के पथ पर अग्रसर करती है।
क-शिक्षा का उद्देश्य क्या होना चाहिए?
ख-शिक्षा मानव जीवन के लिए कैसी है ?
ग- ज्ञानदान के अतिरिक्त शिक्षा का क्या कार्य है?
घ- शिक्षा किस प्रकार मनुष्य की प्रगति में सहायक है?
ड-उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए।​

Answers

Answered by devimanju6481
3

जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता है उनको प्राप्त करना ही शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। शिक्षा मानव जीवन के लिए वैसे ही है जैसे संगमरमर के टुकड़े के लिए शिल्प कला। ... सापेक्षता में निज को समझकर जीवन के अनुकूल कार्य को करना और प्रतिकूल का निवारण ही शिक्षा का उद्देश्य है ।

Answered by kg0645339
8

Answer:

क-शिक्षा का उद्देश्य क्या होना चाहिए?

ख-शिक्षा मानव जीवन के लिए कैसी है ?

ग- ज्ञानदान के अतिरिक्त शिक्षा का क्या कार्य है?

घ- शिक्षा किस प्रकार मनुष्य की प्रगति में सहायक है?

ड-उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए।

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