जीवन केवल सुखों की राह नहीं विषय पर आधारित पिता और पुत्र का संवाद लिखिए
Answers
बेटा-- पिताजी यह आराम शब्द मेरे लिए है ही नहीं।
पिताजी-- क्यों बेटा?
बेटा-- पापा मुझे जीवन में बहुत पैसा कमाना है ताकि मैं आपको, मां को और अपने भविष्य के परिवार को सुख दे सकूं।
पिता-- बेटा, मैं भी मेहनत करता था जब तुम छोटे थे। मगर तुमको कभी मैंने दुखी नहीं होने दिया।
बेटा-- हां, पापा अब अपनी जरूरत को त्याग कर अपने सुख का गला घोटकर मेरी आशा को पूरा करते थे।
पिता-- मगर बेटा तुम्हारे चेहरे की खुशी में ही मुझे सुख मिलता था।
बेटा-- तब और आज में बहुत फर्क है। असली सुख पैसे से आती है।
पिता-- तुमको तो तकलीफ हो रही है ।बेटा जीवन सुख और दुःख का मेला है।यह आता जाता रहेगा। सुख पैसे के बिना भी होती है।
बेटा-- आप सही है पर मैं ...
पिता-- तू कामयाब बन मगर यह सोचकर की तुझे कामयाब होना है। तू सुख के पीछे भागेगा तो तुझे कभी सुख नहीं मिलेगा। इसलिए वक्त पर सब छोड़कर तू सफल बन। सुख अपने आप आ जाएंगे।
बेटा-- जैसा आप कहें पिताजी।
Answer:
पिता-- बेटा, तुम सारा दिन भाग दौड़ करते हो कभी तो आराम कर लिया करो ।
बेटा-- पिताजी यह आराम शब्द मेरे लिए है ही नहीं।
पिताजी-- क्यों बेटा?
बेटा-- पापा मुझे जीवन में बहुत पैसा कमाना है ताकि मैं आपको, मां को और अपने भविष्य के परिवार को सुख दे सकूं।
पिता-- बेटा, मैं भी मेहनत करता था जब तुम छोटे थे। मगर तुमको कभी मैंने दुखी नहीं होने दिया।
बेटा-- हां, पापा अब अपनी जरूरत को त्याग कर अपने सुख का गला घोटकर मेरी आशा को पूरा करते थे।
पिता-- मगर बेटा तुम्हारे चेहरे की खुशी में ही मुझे सुख मिलता था।
बेटा-- तब और आज में बहुत फर्क है। असली सुख पैसे से आती है।
पिता-- तुमको तो तकलीफ हो रही है ।बेटा जीवन सुख और दुःख का मेला है।यह आता जाता रहेगा। सुख पैसे के बिना भी होती है।
बेटा-- आप सही है पर मैं ...
पिता-- तू कामयाब बन मगर यह सोचकर की तुझे कामयाब होना है। तू सुख के पीछे भागेगा तो तुझे कभी सुख नहीं मिलेगा। इसलिए वक्त पर सब छोड़कर तू सफल बन। सुख अपने आप आ जाएंगे।
बेटा-- जैसा आप कहें पिताजी।
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