जीवन में हमेशा सुख - शाति कैसे बताये रखना
चाहिए? मेरा जीवन कविता के आधार पर लिखिए
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हारा हूँ सौ बार
गुनाहों से लड़लड़कर
लेकिन बारम्बार लड़ा हूँ
मैं उठ-उठ कर
इससे मेरा हर गुनाह भी मुझसे हारा
मैंने अपने जीवन को इस तरह उबारा
डूबा हूँ हर रोज
किनारे तक आ-आकर
लेकिन मैं हर रोज उगा हूँ जैसे दिनकर
इससे मेरी असफलता भी मुझसे हारी
मैंने अपनी सुन्दरता इस तरह सँवारी।
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