Hindi, asked by jaiswalkavya83, 1 month ago

जीवन में खेलों का महत्व निबंध​

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Answered by jaismeen8103
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खेल के महत्व पर निबंध – Khel Ka Mahatva Par Nibandh

प्रस्तावना–

विद्यार्थी काल जीवन–निर्माण का समय होता है। इस समय मनुष्य को भावी जीवन के लिए स्वयं को तैयार करना होता है। सफल और सुखद भविष्य के लिए मनुष्य का स्वस्थ, शिक्षित, गुणवान और चरित्रवान होना आवश्यक है। छात्रावस्था में उसको इन सबको अर्जित करने का अवसर प्राप्त होता है।

खेलों का महत्त्व और प्रकार–

मनुष्य के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए उत्तम तथा लक्ष्यपूर्ण शिक्षा प्राप्त होना जरूरी है। खेल भी शिक्षा का ही एक अंग है। कहावत प्रसिद्ध है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। खेल मनुष्य को शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते हैं।

नियमित रूप से कोई खेल खेलने से चित्त प्रसन्न रहता है तथा शरीर स्वस्थ और फुर्तीला रहता है। खेलों में शारीरिक अंगों का ठीक तरह विकास होता है। मन में उल्लास और उत्साह रहने से मनुष्य को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

खेल अनेक प्रकार के होते हैं। कुछ खेल शारीरिक तो कुछ मानसिक होते हैं। शारीरिक खेल खेलने में शरीर से श्रम करना होता है तथा मानसिक खेलों में दिमाग के घोड़े दौड़ाने होते हैं। फुटबाल, हॉकी, बालीबाल, क्रिकेट, कबड्डी आदि को शारीरिक तथा शतरंज, ताश, चौपड़ आदि को मानसिक खेलों की श्रेणी में रखा जा सकता है।

खेलों का एक भेद और भी है। कुछ खेल बाहर खुले मैदान में खेले जाते हैं तो कुछ कमरे के अन्दर खेले जाते हैं। इनको क्रमशः ‘आउट डोर’ तथा ‘इनडोर’ खेल कहते हैं। आज तो सबसे प्रिय इनडोर गेम्स कम्प्यूटर स्क्रीन पर खेले जाने वाले कल्पित और समय संहारक गेम्स बने हुए हैं।

Answered by Anonymous
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Explanation:

खेलों का जीवन में बहुत महत्त्व है । खेल उतने ही आवश्यक है । जितनी पढ़ाई । पढ़ाई के लिए स्वस्थ मस्तिष्क चाहिए । स्वस्थ मस्तिष्क स्वस्थ शरीर में ही निवास करता है । शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल अनिवार्य हैं । खेल समय की बर्बादी नहीं है । खेल एक अच्छा व्यायाम है ।

खेलों से कसरत होती है । खाया-पीया हजम होता है । छोटी-मोटी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं । खूब भूख लगती है और पाचन क्रिया में सुधार होता है । बढ़ने वाले लडुकों का शारीरिक विकास होता है । खेलों से चुस्ती-स्कूर्ति प्राप्त होती है । आलस्य दूर भागता है, चित्त प्रसन्न होता है । चित्त की इस अवस्था में पढ़ाई जैसा कोई भी कार्य भली भाँति किया जा सकता है ।

खेल एक अच्छा मनोरंजन है । खेल खेलने वाले को भी मनोरंजन मिलता है और खेल देखने वाले को भी । आज जब बड़े-बड़े स्टेडियम में हॉकी, क्रिकेट अथवा फुटबाल के मैच खेले जाते हैं, तो हजारों की संख्या में दर्शक उन्हें देखने पहुँचते हैं । यही नहीं, मैच देखने के लिए टिकटें खरीदी जाती हैं ।

जहाँ दर्शकों की इतनी बड़ी भीड़, मैच देखकर मनोरंजन प्राप्त करती है वहाँ इतने लोगों के सामने खेलते हुए खिलाड़ियों का भी उत्साहवर्धन होता है । वे अधिक शक्ति और कौशल से खेलते हैं । बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार घोषित करके उनका उत्साहवर्धन करती हैं । ऐसा करके उन कम्पनियों को खूब प्रचार मिलता है और उनकी चीजों की बिक्री बढ़ती है ।

जीवन स्वयं में एक खेल है जिस प्रकार खेल में उतार-चढ़ाव आते हैं तथा हार-जीत होती है, ठीक उसी प्रकार जीवन में भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं । खेल का खेलना हार-जीत से अधिक महत्त्वपूर्ण हैं । जीवन में परस्पर सहयोग और प्रेम का बहुत महत्त्व है । इनसे ही ससार रहने योग्य बनता है । खेलकूद से परस्पर सहयोग तथा प्रेम की भावना बढ़ती है । मैच तथा खेल टीम भावना से खेले जाते हैं ।

खेल का सबसे बड़ा उद्देश्य मतभेद तथा दूरियों को मिटाना है । यह खेल ही है जो सम्पूर्ण मानव जाति को एक सूत्र में पिरोने की क्षमता रखता है फिर चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी । इनसे परस्पर सहयोग की भावना जागृत होती है । सहयोग एकता का ही दूसरा नाम है ।

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